आचार्य रामानंद मंडल
अभिलाषा आ विवाद/ उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य: पुनर्गठन
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अभिलाषा आ विवाद
युवा लेखिका अभिलाषा (झा) के मैथिली साहित्य महासभा द्वारा मैथिली युवा सम्मान -२०२४ विवादित रहल। विवाद के कारण इ रहल कि अभिलाषा बज्जिका भाषी हतन आ एकर घोषणा वो कोनो मैथिली मंच पर कैले रहलन। सम्मान समारोह से पहिले साहित्यकार सह संपादक उज्जवल कुमार झा एगो फेसबुक पोस्ट मे कहैत हतन कि हुनक मातृभाषा मैथिली छनि जकरा विद्वान लोकनि पश्चिमी मैथिली कहैत छथि। परंतु वो जो हुनक पह पोथी में लिखल अभिलाषी के दृष्टांत दैत छतन जे वो बिल्कुल उलट हय -
मैथिली हमर वास्तविक रूप मे सेहो मांक भाषा अछि। हमरा मांक संग ।मानक मैथिली।मे बतिअयाबा मे सतत बोध होइत रहैत अछि जै हम अपन परंपरा संग बतिया रहलि छी आ ओ हमरा उर्जा दैत रहैत अछि।
मुदा हमर।परिवेशक। जे भाषा अछि से।गिरल। अछि आ जकरा आइ काल्हि। बज्जिका। कहल जाइत छै।
इंहा मानक मैथिली आ गिरल भाषा बज्जिका वा पश्चिमी मैथिली विचारणीय हय।
ओ छौंड़ी पोथी में लेखिका लिखैत हतन हमर अपन जे भाषा अछि मैथिली तकर एक विशिष्ठ । बोली। अछि।
अइ मे लेखिका पश्चिमी मैथिली के मैथिली के शैली न कह के बोली कहैत हतन।
पश्चिमी मैथिली क्षेत्र सीतामढ़ी के बेटी होइतो लेखिका के मातृभाषा मानक मैथिली हय न कि पश्चिमी मैथिली। पश्चिमी मैथिली हुनकर परिवेशक।गिरल। बोली हय। आश्चर्य इ कि अभिलाषा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के मैथिली विकास आ सम्बर्द्धन कोर कमेटी मे सदस्य मनोनीत कैल गेल हय।
हुनकर साहित्य पश्चिमी मैथिली शैली के कोटि मे न अबैत हय। अंततः मैसाम द्वारा मैथिली युवा सम्मान -२०२४ से सम्मानित कैल गेलन।
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उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य : पुनर्गठन
बिहार विधानसभा के चुनाव आबि नजदीक हय।इ चुनाव २०२५ मे होयत।परंच हमर मिथिला राज्य निर्माण के काज अधर में हय।सभसे पहिला काज हय मिथिला राज्य के सीमांकन। कुछ विचारक प्राकृत मिथिला राज्य हय जे आबि समयानुकूल न हय। पाया तोड़ो आंदोलन राष्ट्र विरोधी कृत्य हय।एकरा संवैधानिक निदान के लेल सुगौली संधि पर पुनर्विचार करे के होतैय। परंतु नेपाल अइसन काहे चाहत आ केन्द्रीय सरकार नेपाल आ भारत विवाद काहे पैदा करत।
कुछ विचारक उत्तर बंगाल आ झारखंड के कुछ भाग मिला के मिथिला राज्य चाहैत हय।इहो समयानुकूल न हय। राज्य पुनर्गठन के अधिकार केन्द्रीय सरकार मे निहित हय परंच राज्य पुनर्गठन हेतु राज्य सरकार से पारित प्रस्ताव आवश्यक हय।त बंगाल आ बिहार अइसन काज काहे करत।आ अइ दिशा में मिथिला राज्य निर्माणी काज करे में असमर्थ हय।
मिथिला राज्य निर्माण के सामयिक विचार इ हय कि मिथिला राज्य निर्माण के उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य सीमांकन आ राज्य सरकार द्वारा मिथिला राज्य के प्रस्ताव देवे के लेल उपयुक्त हय। कारण राज्य सरकार प्रशासनिक रूप से बिहार के उत्तर बिहार आ दक्षिण बिहार में बांट देले हय। उत्तर बिहार आ दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक आ विद्युत आपूर्ति प्राधिकरण। केन्द्रीय सरकार सेहो दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय गया के निर्माण क देले हय।इ आधार उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य के मांग के मजबूत क रहल हय।
मिथिला राज्य निर्माण के लेल एगो काज योजना पर विचार अपेक्षित हय।
१.वर्तमान राजनीतिक दल के उत्तर बिहार स्थित राजनीतिक नेता अपना चुनाव घोषणा पत्र में उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य निर्माण के घोषणा हेतु दृढ़ संकल्पित होय।जे राजनीतिक दल के घोषणा पत्र में मिथिला राज्य निर्माण के घोषणा न होय वोकरा चुनाव प्रत्याशी के समर्थन न कैल जाय।
२.मिथिला राजनीतिक दल मिथिला राज्य निर्माण के घोषणा करें वाला दल से गठबंधन के चुनाव लड़े।
३. वर्तमान उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य के विधान मंडल सदस्य विधान मंडल मे उतर बिहार अर्थात मिथिला राज्य के प्रस्ताव पारित कराए अन्यथा हुनकर बिरोध कैल जाय। हुनका चुनाव में कदापि समर्थन न कैल जाय।४.उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य स्तरीय कार्यकारिणी, जिला स्तरीय कार्यकारिणी आ प्रखंड स्तरीय कार्यकारिणी के गठन कैल जाय। कार्यकारिणी में सभ वर्ग के प्रतिनिधित्व देल जाए।
उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य निर्माण के लेल सहज मार्ग मिलत आ उत्तर बिहार अर्थात मिथिला राज्य के सपना पूरा होयत।
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