१.१५.डॉ.धनाकर ठाकुर-संग्रहणीय व्यक्तित्व पं.भवनाथ झा
(अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् केर कर्ता-धर्ता, आन्दोलनी एवं मिथिला राज्य अभियानी। संपर्क-9430141788 / 9843376861)
संग्रहणीय व्यक्तित्व पं.भवनाथ झा
संग्रहणीय व्यक्तित्वक स्वामी छथि पं भवनाथ झा जिनकासँ हमर एकमात्र भेंट कहिओ पटनाक महावीर मन्दिरमे भेल जखन ओ वैशालीमे कार्यरत छलाह। हमर फोन पाबि महावीर मन्दिर आबि गेलाह। हम बातचीत कए ट्रेन पकड़लहुँ। हम हुनका महावीर मन्दिरक पुजारी बुझैत छलियैन्हि किन्तु ओतए ओहि दिन पता चलल जे ओ पुजारी नहि, रिसर्च विभागमे ओतहि छथि।
एक मन्दिर जे वर्तमान निर्माण पूर्व एक सामान्य मन्दिर छल जतए हम 26.1.1980 क नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशनक विशिष्ट बैठक माननीय गोविन्दाचार्यक संग कए गेल छलहुँ, डा विनय सिद्धेश, मुजफ्फरपुर लऽ गेल छल। फेर कइएक बेर जाइत रहलहुँ, 2012मे ओतहि बैसि हनुमान चालीसाक मैथिली अनुवाद केने छी।
कहिओ फेसबुकसँ भवनाथ झाजीसँ परिचय भेल। जखन-तखन हम पूजा बर्षी तर्पण आदिक बारेमे फोनसँ पू़छैत रहलहुँ जकर ओ शास्त्रीय पद्धति पर निराकरण करैत रहलाह अछि। किन्तु महावीर मन्दिर धर्मक मामलामे रिसर्च लेल एक एतेक सुयोग्य आचार्य रखने अछि जानिए प्रसन्नता भेल। हमरा कहलाह कि हूनक शोध ओहि समय मुख्यत: अयोध्या पर केन्द्रित छल जे रामललाक वकीलकेँ सहयोग लेल छल आओर ई कहल जा सकैत अछि जे हुनक प्रमाण बहसमे बहुत हद तक सहायक भेल जे मैथिल समाज लेल गौरवक विषय अछि। विधनाक कोपवश भवनाथजी कने तोतराइत छथि मुदा लिखबामे ओतबहि सिद्धहस्त। ओ एक पंडित परिवारक संस्कृतज्ञ जे धर्मायण पत्रिकाक सम्पादन एखन धरि कऽ रहलाह जे उच्च कोटिक धार्मिक पत्रिका अछि।
नहि जानि कतेक पुस्तकक ई सम्पादन, लेखन केलाह जाहिमे दुर्गासप्तशतीक पं.भवनाथ मिश्रक ताड़पत्र पर मिथिलाक्षरमे लिखल पोथीक देवनागरीमे छपबेनाइमे ई प्रमुख सहायक रहलाह कारण ई मिथिलाक्षरक मर्मज्ञ ज्ञाता छथि। किन्तु हिनकर एक पोस्ट मिथिलाक पछबरिया सीमांकन करैत मैथिलीकेँ समय 950 ई तक पाछाँ प्रमाणित कए देलक। नरकटियागंज लग सोदरा गाममे पाओल गेल एक इनार पर लिखल गेल एक अभिलेख द्वारा।
2023मे हम हिनका अपना द्वारा संस्थापित भारतीय लिपि परिषदक अध्यक्ष बनबए चाहैत रही किन्तु ओ कहलाह कि ओ एखन पुरान ताम्रपत्र, पोथी आदिक संग्रहमे लागल छथि ओ संग्रह, संरक्षणक कार्यशालामे अनेक प्रान्तमे घूमि रहल छथि। ई अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य अछि ताहि लेल पं. भवनाथ झा युग-युग तक स्मरणीय रहताह तँइ हम एहि लेखक शीर्षक "संग्रहणीय व्यक्तित्व पं. भवनाथ झा" रखलहुँ अछि।
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