संतोष कुमार राय 'बटोही'
उच्चैठ भगवती केँ दर्शन (यात्रा-वृत्तांत)
आठ बजे छोटकी बस मे बैस गेल रही हम सपरिवार। दुल्लीपट्टी केँ हनुमान मंदिर
सँ बस आगा बढ़ि रहल छेलैक। सावन केँ मास छियैय। जयनगर कमला मे जल भरि कऽ
काँवरिया सभ कपिलेश्वर बाबा केँ चढ़ाबै लेल सड़क केँ बायाँ भाग चलि रहल छै।
काँवरिया संग डीजे वाला गाड़ी सेहो चलि रहल छै। सड़क केँ किनारे दुनू तरफ
पंडाल बनल छै। हम जै बस मे रहिका केँ ओर जा रहल छी तँ देख रहल छी - सड़क
केँ दुनू ओर गामे-गामे पोखरि, नदी, नहर चापाकल वगैरह-वगैरह सँ पाईप सड़क पर
आयल छै। काँवरिया केँ नहाय केर लेल। जखन काँवरिया सभ चलैत-चलैत गरमा जायत
छथि आओर पाएर पाकऽ लगैत छन्हि , तँ ओ पाईप केर पानि मे नहा लैत छथि। देख
रहल छियैय कियो -कियो पंडाल लगा कऽ प्लास्टिक केँ गिलास मे रसना घोरि-घोरि
कें काँवरिया सभ केँ पिला रहल छथि। कियो पुरी-तरकारी आओर खीर/ सवई खिला रहल
छथि।
लोहा पीपर सँ पहिने बडका पंडाल मे सावन मास मे शिव भक्ति सँ सानल गीत बैज
रहल छै - ' चल रे काँवरिया शिव केँ धाम ।"
कलुआही सँ आगा पंडाल मे शिव भक्ति सँ सानल प्रोग्राम भ रहल छै। गवैय्या सभ
आयल छै। एकटा गावै वाली लडकी सेहो स्टेज पर दिखाई देलक। एकटा पंडाल मे भांग
केँ पिसाइत देखलियै। भक्त सभ गाँजा पिब कऽ मस्ती मे चलि रहल छथि। नाचैत-
झूमैत बारह बरख सँ पच्चीस बरख केर लड़का -लड़की बेसी देखा रहल अछि।
हमरा लग हमर दुनू बेटी बैसल छेलीह। अयांश अपन मायक कोरा मे बैसल छलैक। रूणा
गाड़ीए मे सँ काँवरिया सभक वीडियो बना रहल छलीह। आजुक मौसम किछु नीक छै।
जाय बेर मे मेघ लागल छलैक। रौदा नहि छलैक। कलुआही मे बस लगभग बीस मिनट रोकि
देलकै। हम फिरिशान भ गेलहुँ।
"बोलबम का नारा है, बाबा एक सहारा है।" ई कहैत काँवरिया सभ आगा बढि रहल
छथि। गेरूआ आओर पीयर वस्त्र पहिरने छथि ओ सभ। माथा पर शिव केर नामक पट्टी
पहिरने छथि काँवरिया सभ।
दुल्लीपट्टी सँ आगा सड़क केँ दुनू ओर सभ मंदिर पर डीजे बाजि रहल छै।
मैथिली, भोजपुरी आओर हिन्दी मे शिव भक्ति केर गीत बाजि रहल छै । मंदिर केँ
सजौल गेल छै। काँवरिया सभ पंडाल मे आओर मंदिर मे थाकि गेला पर सुस्ताइत
छथि।
गरीबी, बेरोजगारी, मँहगाई बढ़लाक बाद बाबा केँ दरबार मे काँवरियाक संख्या
बरखे-बरखे बढ़ि रहल छै। पंद्रह सँ तीस बरख केँ लोकनि बाबा भोलेनाथ केँ
दरबार मे काँवर लऽकऽ बेसी जा रहल छै। हम सपरिवार रहिका आयलाक बाद बस सँ
उतैर गेलहुँ अछि। बेनीपट्टी बाला बस लगले छल। पहिने अयांश आओर रुणा बस मे
चढल तत्पश्चात् अक्षरा, अपराजिता आओर हम चढलहुँ अछि। बस बेनीपट्टी दिस दौड़
रहल छै। ई अरेर थाना छियैय । ई धगजरी छियैय। बस बेनीपट्टी थाना सँ पहिनहि
उतारि देलक।
सडक पार करैत छलहुँ कि आटो वाला हाक दैत छलैक -" बसैठा....बसैठा ....।"
हम कहलियै -"नहि...हम उच्चैठ भगवती केँ दर्शन करवाक लेल जायब ।" आटो वाला
कहलक -" बैसल जाउ । हम जेबै दुर्गा मंदिर ।" हम सपरिवार बैस गेलहुँ आटो मे।
एक सवारी पर बीस टाका लेलक। धियापुता फ्री मे। रहिका सँ बेनीपट्टी केँ एक
सवारी पर चालीस रुपया बस वाला लेलक। दुल्लीपट्टी सँ रहिका केँ सैठ रुपया बस
वाला लेलक।
हम सपरिवार उच्चैठ भगवती केर गेट लग उतैर गेलहुँ। दुनू तरफ दोकान छै।
अँचरी, डाली, नारियल, फूल, अगरबत्ती, फूलक माला, प्लास्टिक लोटा जल चढाबै
लेल भेट रहल छै। मिठाई, पतरका चिउरा, चीनी केँ मकैय्या लरू , वगैरह बिकायत
छै। नाश्ता पानि केँ दोकान सेहो छै। हम आओर रुणा गेटे लग माँ भगवती केर
चढाबै लेल डलिया, अंचरी, फूल, फूलक माला, सिन्दूर, नारियल, अक्षत, अगरबत्ती
आओर लोटा ललेलहुँ अछि। पोखरि मे लोटा मे जल भरि कऽ ऊपर अबिते छलहुँ कि एकटा
बारह-तेरह बरखक छौड़ा लग आबि कऽ कहलक -"भगवती केर गेट बन्न भऽ जेतैन्ह
जल्दी चलू। " हम बुझि गेलियै ई कोनो पंडा केर बेटा छियैय।
आगा बढलहुँ तँ पैंतीस-चालीस बरखक पंडा भेट गेल । ओ कहलक -" नारियल फोड़ि
लिअ ।" हम हँ मे माथा हिलौलहुँ । उ छोटका पंडा कहअ लागल चलू हम पूजा करा
दति छी। हम कहलियै -" तोरा सँ पूजा नहि करायब, हमरा अपने पूजा मंत्र अबैत
अछि।
रुणा केँ कहलियै -" अहाँ जाकअ माँ भगवती केँ चढ़ा दियौन्ह डलिया मेहेक सभ
किछु। " ओ मंदिर मे प्रवेश केलीह । प्रवेश लेल गेट छोट छै। ओ अंदर गेलीह।
हम अपन धियापुता दुआरे बाहरे छलहुँ। रुणा नहि निकललीह तँ हम हाक देलियै -"
ओ बाहर निकललीह। हम देखललीयै जे डलिया बिल्कुल खाली छै । पुछलियै -" नारियल
केर परसादी की भेल।" ओ कहलीह -" ओ पंडा छौरा सौंसे नारियल ध' रखलक ।" तीनू
धियापुता केँ एक दोसर केँ हाथ मे हाथ पकडा केँ हम दुनू परानि फेर मंदिर मे
प्रवेश केलहुँ। मंदिर मे देखलियै जे पंडा छौरा केँ माय सेहो दक्षिणा सभ सँ
मांगि रहल छै।
पंडा छौरा कहैत छै - " आजु चारिटा सौंसे वाला नारियल भेल। " ताबत देखलियै
एकटा जनानी ओकरा सँ नारियल मांगि रहल छै। हमहुँ कहलियै -" हमर नारियल की
केलही। ला हमर नारियल। " ओ नहि दैत छल । हम गेरमेलहु तँ निकालि केँ देलक।
हम आओर रुणा नारियल लऽकऽ बाहर निकललहुँ। सभ मंदिर मे जल आओर फूल वगैरह
चढेलहुँ। पंडा सभ दक्षिणा केँ नाम पर टाका लेल फिरिशान करैत छै। मंदिर पर ओ
सभ कब्जा केने छथि। पीढी दर पीढी मंदिर केँ ओ सभ आस्था केर नाम पर दोकान
बनौने अछि। घर परिवार ओही सँ ओकरा सभ केँ चलैत छै।अकूत संपति केँ ओ मालिक
बनि जायत अछि। हम अहाँ ठगा रहल छी आस्था केर नाम पर।
देखलियै एकटा फोटोग्राफर घुमि रहल छेलैक। ओ हमरा लग आबि कऽ फोटो खींचेवाक
आग्रह करअ लगलाह। हम सपरिवार एकटा फोटो क्लिक करवा लेलहुँ। आब जलपान दोकान
दिस गेलहुँ । एकटा जलपान गृह मे बैस गेलहुं सभ कियो । घर सँ लायल जलपान खाऽ
कऽ पैंतीस टाकाक दुटा प्लेट हम सभ चबा गेलहुँ। पाँच टा छोटका पूरी एकटा
प्लेट मे छल।
आब मनिहारा दोकान दिस घुमैत किछु किछु हम सभ किनलहुँ अछि। हम सपरिवार गेट
दिस आबि गेलहुँ अछि। गेट पर एकटा भीखमंगा आओर मालिन मे झगड़ा भऽ रहल छलैक।
मालिन भीखमंगा केँ केश नोचि लेलकै आओर थापर मारलकै। भीखमंगा बिखनिया-
बिखनिया गारि दऽ रहल छलैक मालिन केँ ।
हम सपरिवार आटो पकड़ि कऽ दुल्लीपट्टी केर दिस विदा भेलहुँ। रहिका मे आयलहुँ
तँ देखलियै प्रचंड रौद उगि गेल छै। काँवरिया सभ कपिलेश्वर बाबा केँ जल
चढाबै लेल जा रहल छै। काँवरिया सभ केँ रौद लागि रहल छै। पाएर पाकि रहल छै
तबो आगा बढि रहल छै। हम सभ डेरा पर आबि गेलहुँ अछि।
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