प्रदीप कुमार मंडल 'पवड़ा'
गे मम्मी तों कियेक कानै छेंऽ?
गे मम्मी तों कियेक कानै छेंऽ ?
हम छी सुतल तोरे कोरा,
दागक नोआं बनल तिरंगा
देखही केहन भेल भाग्य मोरा ।
हम शहीद सरहद पर भेलौं
घाहिल बनि गिरलौं हम धरा
दस-दस के एकसरे मारलौं
दुश्मन देह बरसेलौं अंगोरा ।
कर गौरव हमरा पर मैयो
पुत कपुत नहि भेलौ तोरा,
गे मम्मी तों कियेक कानै छेंऽ ?
हम छी सुतल तोरे कोरा ।
बाऊक आंखि लोराएल लागै छै
बहिन दुलारी हकड़ै ओसारा,
केकरा बान्हबै हाथ हौ भैया ?
राखी रेशम के डोरा ।
भाई सहोदर सेहो रोबय छै
कहै भैया छोड़ि गेला,
गे मम्मी तों कियेक कानै छेंऽ ?
हम छी सुतल तोरे कोरा ।
हंसि रहल मोर प्राण पखेरू
विहुंस रहल छौ अत्मा मोरा,
खुशी सऽ माता देशक ऊपर
प्राण निछाओर भेल मोरा ।
हम छी वीर भारत भूमि के
हमरा सऽ नहि केयो बरका,
गे मम्मी तों कियेक कानै छेंऽ ?
हम छी सुतल तोरे कोरा ।
-प्रदीप कुमार मंडल 'पवड़ा', बाऊजीक नांओ - श्री लक्ष्मण मंडल, मायक नांओ -
श्रीमती मंगली देवी, गांव - पवड़ा (इनाई), डाकघर - अरगा, प्रखंड - बहेड़ी,
जिला - दरभंगा, पिनकोड - 847105
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