प्रमोद झा 'गोकुल'
तिरंगा
विजयी विश्व तिरंगा हम्मर
युगयुगान्तर तक फहरायत।
घर आङन नद नदी पहाड़
समुद्रोमे सगर्वित लहरायत ।।
अर्व कोटि चालीस जनक प्रण
ध्वजमे प्राण भारतक अनुखन।
जे ढीठ डीठ देखौत पीठो पाछाँ
हरब प्राण तहिखन तकर तत्क्षण।।
ध्वजमे समाहित मातृभूमि हित
उर्जित उर्मित उत्सर्जित गाथा ।
हरित भरित सुरभित भीत रहित
जलधि तरंगित उच्छल यश माथा ।।
गंगा यमुना सरस्वती सम शोभित
भारत माताक हाथ हमर तिरंगा।
चन्दन रोली फूल लै पूजब सतत
वन्दे मातरम केर जय ध्वनि संगा।।
-प्रमोद झा 'गोकुल', दीप,मधुवनी (विहार), फोन -9871779851
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