प्रमोद झा 'गोकुल'
किए भेलह तों मनुज?
जे चराबथि सासुरमे बकरी
सैह कहाबथि परम बुधियार
वैह कहाबथि कहबैका बड़का
आरक पदबी भेल फकसियार ।
अवसर देखि सुतारथि गोटी
सेखी बघारथि रहनि ठाढ़े चोटी
परदोष निहारब हुनक बपौटी
अप्पन धरि राखथि टुटले टोटी ।
मुहंँ मे राम बगल मे छूरी
अँतड़ी घुरछल बहत्तैर हाथ
माथ पाग कान्ह दुपट्टा ओकरे
तिलक भाल पुर्णिमाक साथ ।
तोहर भाग मे घोर अमावस
दिन दुपहरि अस्त सुरुज
मस्त भय भोगह सबटा
किएक भेलह तों मनुज ?
-प्रमोद झा 'गोकुल', दीप,मधुवनी (विहार), फोन -9871779851
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