चंदना दत्त
पर्यावरण दिवस
बाबा,दैखियौ अखबारमे हमर फोटो छपलै
मोबाइल पर वीडियोकाॅलमे प्रसन होइत
जूही बाजल ।
वाह बौआ, खुब खुशीक गप्प सुनेलैं भोरेभोर ।
कोन कमाल कयलक हमर पोती से कहां बुझलहुं ?बाबा जिग्यास कयलनि।
देखे नहि छियै बाबा अखबारमे ,
हम अपन पाठशालामे एकटा गाछ लगेलहुं
मैंम संगै ।
से किये , विद्यालयमे तों किये गाछ लगेलहक
ओतय चपरासी नहि छह,
आ ई अखबारमे छपय वला कोन गप्प भेल
हमरा भेल प्रथम श्रेणीमे उत्तीर्ण केने छह
तैंफोटो छपलक अखबार वला
आब चश्मासं ओतेक नीक सं नहि
देखाय अछि,ई लाकडाऊन खत्म हैत त जेबै डाक्टर लग।
हं बाबा ,चलि जायब आ दाइयो के ल जेबैन्ह
हुनको चश्मा पुरान भ गेल छैक।
ओह ,बाबा काल्हि पर्यावरण दिवस छलय ने तकरे समारोह छल पाठशालामे,
तें हम गाछ लगेलहुं
फेर मैंम आ सर गाछक महत्व पर भाषण देलखिन्ह।
जूही सभटा खेरहा फरिछाक बाबाके कहलक ।
बाबा ,मैम कहलखिन्ह हमरा सभके गाछ नहि काटबाक चाहि गाछसं आक्सीजन, फल फूल ,औषधि,
लकडी आदि त भेटबे करैत अछि
वन्यजीव के आश्रय सेहो भेटैत अछि ।
हमसे बड्ड थपडी बजेलहुं।
बाबा :हं आब त ई सभ बात धियापुताके पढाबय पडैत अछि ।
हमरा सभकेके समयमे ई सभ पढाई नहि होय।
जूही :बाबा हमसभ पर्यावरण विज्ञान पढय छी ने।
हं आब त बडका इस्कूलक बडका बात,
हमर बाबा सभत बडका पोखरि खुदाय देने छलखिन्ह
ओकर महार पर आम लीची, नीम कटहर सपाटू दाखिल
अरनेवा लगा देने छलखिन्ह।
भरि गाम लोक नहाय ,बर्तन भाडा मजाय ,
मंडिलमे पूजा करय आ गाछीमे बैसि आम खाय ।
हम सभ कहियो पर्यावरण दिवस नहि मनेने रहि
गाम पर गाछमे पानि पटबैत बाबा बजलाह।
-चंदना दत्त, रांटी, मधुबनी; ई मेल duttchandana01@gmail.Com
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