१.२.भवनाथ झा केर संक्षिप्त परिचय
एहिठाम प्रस्तुत अछि भवनाथ झाजी केर संक्षिप्त परिचय। भवनाथ झाजी पहिने भवनाथ भवन, भवनाथ झा 'भवन' आदि केर नामसँ लिखैत छलाह। एहि विशेषांक केर आलेख सभमे तीनू नाम आबि सकैए। हिनक मुख्य रुचि छनि- भारतीय ज्ञान-परम्पराक अप्रकाशित ग्रन्थक पाण्डुलिपिक सम्पादन एवं अनुवाद। मिथिलाक ज्ञान-परम्पराक प्रचार-प्रसार। मिथिलाक इतिहास सम्बन्धी भ्रान्ति सभहक निवारण केर प्रयास। संस्कृत, अंगरेजी एवं हिन्दीमे लीखि मिथिलाकेँ देशक अन्य क्षेत्रक बीच उजागर करबाक मानसिकता। हिनकर संपर्क सूत्र छनि WhatsApp-9430676240 आ bhavanathjha@gmail.com, http://brahmipublication.com/। हिनक परिवाररक विशेष जानकारी अही पन्नामे नीचा जा कऽ भेटत।
एहि परिचयमे देल गेल सूची पुरान मानकपर अछि मने पुरान सूचनासँ शुरू भऽ ओकर अंतमे नव-नव सूचना जोड़ैत जाएब। जखन कि शोधपत्र, शोध आलेख सभमे अंतर्राष्ट्रिय मानक देल जाइत छै मने एकदम नव सूचनासँ शुरू भऽ कऽ अंतमे पुरान सूचना। मुदा विदेह अपन पाठककेँ ध्यानमे रखैत पुरान मानकक प्रयोग करैत अछि। विदेहक पाठक सामान्य वर्गक रहैत अछि, शोधक फार्मेटसँ बेसी हुनका सूचनाक ताक रहैत छनि। हमरा जनैत पुरना मानकक एकटा ईहो फायदा छै जे सूची देखबामे कम्म समय लागत कारण ओकर प्रयोग बहुत दिनसँ होइत रहल छै आ ई मानव-मस्तिष्कमे रचल-बसल छै। तँइ सुविधाजनक छै।

चित्र- 1
नाम:
भवनाथ झा
जन्म तिथि:
23
सितम्बर,
1968
ई.
माता: योगेश्वरी देवी
पिता: स्व. पं. अमरनाथ झा
दाइ: स्व. दुर्गा देवी
बाबा: स्व. बुद्धिनाथ झा
जन्म स्थान: ग्राम- हटाढ़ रुपौली,
डाकघर- हटाढ़ रुपौली,
भाया- झंझारपुर,
जिला- मधुबनी,
बिहार।
भवनाथ झा
केर परिवारक अन्य सदस्य:
पत्नी:
श्रीमती कुमुद झा
संतान:
श्री राकेश कुमार,
श्रीमती आरती मिश्र,
श्रीमती अलका झा आ अभिचन्द्र झा
वर्तमान निवास: खास महाल, मारुति नगर, पोस्टल पार्क रोड, पटना-800020
वर्तमान पत्राचार:
प्रकाशन
विभाग,
महावीर मन्दिर,
पटना,
800001
शिक्षा:
1. एम.ए. (संस्कृत) ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, 1992 ई.
2. साहित्याचार्य, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, 1995.
दक्षता:
1. भाषा-ज्ञान- मैथिली (मातृभाषा), संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी।
2. प्राचीन लिपि ज्ञान– तिरहुता (मिथिलाक्षर), देवनागरी, कैथी, बंगला, ब्राह्मी।
3.
विशेष दक्षता–
पाण्डुलिपि विज्ञान एवं शिलालेख विज्ञान।
वृत्ति:
1. व्याख्याता, साहित्य विभाग, अजित कुमार मेहता संस्कृत शिक्षण संस्थान, लदौरा, कल्याणपुर, समस्तीपुर, 1998-2003 धरि। (मानव संसाधन विभाग, भारत सरकारसँ सम्बद्ध राष्ट्रीय संस्कृत संस्थानसँ स्वीकृत।) अही समयावधिमे कामेश्वरसिंहदरभंगा-संस्कृतविश्वविद्यालय लेल अनुबंधक आधारपर बहुत रास पांडुलिपि लिप्यंतरणक काज सेहो केलाह।
2. प्रकाशन पदाधिकारी, प्रकाशन विभाग, महावीर मन्दिर न्यास, 2003 ई.सँ एखन धरि।
सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाक सदस्यता:
1. मनोनयन- समानित सदस्य, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद् (राज्य सरकार केर संस्था), 2010 ई.सँ मार्च 2016 धरि।
2. सदस्यता- मैथिली भाषा एवं लिपिक विकास हेतु मानव संसाधन विकास मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा गठित समिति, 2018
पाण्डुलिपि व्यवस्थापन एवं सूचीपत्र निर्माण:
1.
3.
ग्राम- सिरसियाँ कलाँ,
रानीगंज,
सहरसा में डा. ब्रह्मानन्द झा के व्यक्तिगत अस्त-व्यस्त
पाण्डुलिपि संग्रह का व्यवस्थापन एवं सूचीपत्र का निर्माण,
1998
ई.
2. “A Descriptive catalogue of Sanskrit Manuscripts preserved in
Bihar Research Society, the Research & Publication wing of the Patna
Museum, Patna,” 2014.
3.
श्रीमती प्रियंवदा अय्यर (सुपुत्री- डा. रतिकान्त मिश्र,
बरौनी ड्यौढ़ी) के व्यक्तिगत संकलन में अवस्थित अस्त-व्यस्त
250
पाण्डुलिपियों का सूचीपत्र निर्माण,
देहरादून स्थित आवास पर,
अगस्त,
2015
ई.
सेमिनार एवं कार्यशाला:
1. Resource person- National Translation Mission, National Seminar on “Knowledge text Translation in Maithli”, 23-24 Nov., 2010.
2. संसाधन-पुरुष- स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, ‘भारतीय वाङ्मय में वर्णित कृष्णचरित की प्रासंगिकता’ विषय पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा आयोजित संगोष्ठी, 2012 ई.
3. शोधपत्र वाचन- बोधगया एवं पटनामे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संमिनारमे Emperor Ashoka and Buddhism विषयपर, बौद्ध महोत्सव, 2013.
4. शोधपत्र वाचन– संस्कृत अकादमी, बिहार सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन में शोधपत्र वाचन, 11-12 अप्रैल, 2013
5. Resource person– National Translation Mission, Workshop for translation into Sanskrit of the web-content of The Indian Institute of Languages, Mysore, February, 2015.
6. Resource person– National Manuscript Mission, Workshop scripts training, (On Mithilakshar Script) Bhagalpur University, June, 2015.
7. Resource person– Nalanda Open University, Workshop scripts training, Patna, 23 January, 2016.
8. संसाधन-पुरुष, महावीर मन्दिर द्वारा आयोजित, कर्मकाण्ड प्रशिक्षण कार्यशाला, कोनहार घाट, हाजीपुर, अगस्त-सितम्बर, 2016 ई.
9. संसाधन पुरुष- Center for Development of Advanced Computing, C-Dac, Mysore द्वारा निर्माणाधीन मिथिलाक्षर/तिरहुता Font केर निर्माण।
10. संसाधन पुरुष– बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा मन्त्रालय (संग्रहालय विभाग) द्वारा मिथिलाक्षर प्रशिक्षण कार्यशाला में लिपि प्रशिक्षण- 28 जनवरी, 2018 से आरम्भ।
11. संसाधन पुरुष- मैथिली साहित्य साहित्य संस्थान, पटना, भारतीय भाषा परिषद्, बिहार पुराविद् परिषद्, इंटैक बिहार चैप्टर एवं फेसेस, पटना के संयुक्त तत्त्वावधान में बिहार पुराविद् परिषद्, पटना के सभाकक्ष में आयोजित कार्यशाला में मिथिलाक्षर का प्रशिक्षण, 20-26 मई, 2018 ई.
12. संसाधन पुरुष- भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर एवं मैथिली साहित्य संस्थान, पटना के संयुक्त तत्त्वावधान में दरभंगा में आयोजित मिथिलाक्षर एवं कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यशाला में मिथिलाक्षर का प्रशिक्षण, जुलाई, 2018 ई.
13. संसाधन पुरुष- राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन एवं भूपेन्द्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित 21 दिवसीय पाण्डुलिपि कार्यशाला में मिथिलाक्षर का प्रशिक्षण- सितम्बर, 2018.
14. व्याख्यान-इसमाद फाउंडेशन, दरभंगा की ओर से आचार्य रमानाथ झा हेरिटेज सीरीज के तहत मो. शफी स्मृति व्याख्यान, विषय- 'विदेह की राजधानी: मिथिला की खोज', 28 अप्रैल, 2019.
15. संसाधन पुरुष- भारतीय भाषा संस्थान, मैसूर द्वारा दरभंगामे आयोजित मिथिलाक्षर एवं कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यशालामे मिथिलाक्षरक प्रशिक्षण, 2018 ई.
16. संसाधन पुरुष- फरवरी, 2023 मे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्रक अन्तर्गत राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशनमे मैथिलीक अप्रकाशित पाण्डुलिपिपर सेमिनार एवं अभिविन्यास (orientation) कार्यक्रममे सहभागिता।
17. संसाधन पुरुष- राष्टीय पाण्डुलिपि मिशन, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न स्थानपर पाण्डुलिपि लिप्यन्तरण कार्यशालामे योगदान, चोटीपुरा, उत्तर प्रदेश। दिल्ली आ अन्य स्थानपर।
18. संसाधन पुरुष- कुमार भास्कर वर्मन् संस्कृतपुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय, नलबाड़ी, आसाममे पाण्डुलिपि लिप्यन्तरण कार्यशाला, 2025 ई.
ऊपरक सूचीक अतिरिक्त बहुत संभव जे किछु छूटि गेल हो। पाठक एवं आलोचकसँ अपेक्षा जे ओ सूचना देताह जाहिसँ हम एकरा पूर्ण कऽ सकब।
सम्पादक: धर्मायण पत्रिका
प्रकाशित पोथी (मौलिक रचना):
1. घूरि आउ कमला (मैथिली दीर्घकथा, 2000)
2. भ्रूणपञ्चाशिका (मौलिक संस्कृत काव्यरचना), महावीर मन्दिर प्रकाशन, पटना, 2013 ई.
3. दावाग्निः-संस्कृत उपन्यास (प्रकाशनाधीन)
4. गहबरक बाट पर- मैथिली उपन्यास (प्रकाशनाधीन)
एकर अतिरिक्त पत्रिकामे किछु कथा, किछु बीहनि कथा सभ प्रकाशित छनि। विदेहक किछु अंकमे हिनक कतिपय बीहनि कथा प्रकाशित भेलनि जे 'विदेह-सदेह-5' मे सेहो संकलित भेलै। कथा, उपन्यास एवं बहुत रास अन्यान्य रचना सभ अप्रकाशित छनि।
प्रकाशित पोथी (अनूदित ग्रन्थ):
1. बुद्धचरितम्- (संस्कृत पद्यानुवाद) महाकवि अश्वघोष कृत प्रसिद्ध महाकाव्यक अनुपलब्ध अंश केर तिब्बती एवं चीनी भाषाक अनुवादक आधारपर मूल शैलीमे संस्कृत श्लोकमे रूपान्तरण, महावीर मन्दिर प्रकाशन, 2013 ई. (ई कृति सभसँ महत्त्वपूर्ण अछि। दोसर शती केर ग्रन्थक पुनर्लेखन अनुवादक आधारपर कएल गेल अछि।)
2. कदमों के निशान– डा. धीरेन्द्र नारायण सिंहक मैथिली कविताक हिन्दी काव्यात्मक अनुवाद, 2021
प्रकाशित पोथी (संपादन):
1.
यक्षसमागमम्–म.म.
परमेश्वर झा कृत संस्कृत काव्यक संस्कृत व्याख्या एवं हिन्दी अनुवाद,
1996
2.
रुद्रार्चन-पद्धति- वैदिक साहित्यमे रुद्र सम्बद्ध सूक्तक संकलन,
(सह
सम्पादन एवं हिन्दी अनुवाद) महावीर मन्दिर प्रकाशन,
पटना,
2004
ई.
3.
रामार्चन-पद्धति- रामानन्दाचार्य कृत रामार्चन-पद्धति,
हिन्दी अनुवाद सहित सह सम्पादन,
महावीर मन्दिर प्रकाशन,
2004
ई.
4.
दुर्गासप्तशती- स्व. कृष्णचन्द्रमिश्र द्वारा संकलित प्राचीन संस्कृत
टीकापर आधारित हिन्दीमे विशेष व्याख्या एवं टिप्पणीक संग,
महावीर मन्दिर प्रकाशन,
2005
सँ
2017
धरि कुल
5
संस्करण
5. Mundeshvari: The oldest Recorded Temple in the Country
पुस्तक केर हिन्दी भागक सम्पादन,
2008
ई.
6.
अगस्त्य-संहिता–वैष्णव
आगमशास्त्रीय ग्रन्थक पाण्डुलिपिसँ सम्पादन एवं हिन्दी अनुवाद,
महावीर मन्दिर प्रकाशन,
पटना,
2009
ई.
7.
सोमवारी व्रतकथा,
(पौराणिक
ग्रंथ),
ई पूर्व प्रकाशित ग्रंथ अछि,
किन्तु प्रकाशित प्रति सभमे अशुद्धि छल,
तँइ प्राचीन पांडुलिपिक आधारपर एकर पुनः संपादन कएल गेल। धर्मायण,
खंड
78,
महावीर मंदिर पटना,
2009.
8.
पुष्पमाला- म.म. रुद्रधर कृत पुष्पमालाक पाण्डुलिपिसँ पहिल बेर सम्पादन
एवं मैथिली अनुवाद,
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक व्याकरण विभागक स्मारिका,
2011
ई.
9.
नाह्निदत्तपञ्चविंशतिकाविवरणम्- म.म. नाह्निदत्तकृत पञ्चविंशतिकाक म.म.
रुचिपति कृत विवरण नामक व्याख्याक संग हिन्दी अनुवाद सहित सम्पादन,
शास्त्रार्थ,
शोधपत्रिका,
मिथिला शोध संस्थान,
दरभंगा,
2014
ई.
Google e-book
क्रय हेतु उपलब्ध
10.
वैष्णवमताब्जभास्कर (पदच्छेद एवं हिन्दी अनुवाद) आचार्य किशोर कुणालक
ग्रन्थ आचार्य रामानन्द एवं उनका वैष्णवमताब्जभास्करक संग प्रकाशित,
महावीर मन्दिर प्रकाशन,
पटना,
2014
11.
व्यवहार-रत्नावली- म.म. पशुपतिकृत व्यवहाररत्नावलीक पाण्डुलिपिसँ
सम्पादन,
शास्त्रार्थ शोधपत्रिका,
मिथिला शोध संस्थान,
दरभंगा,
2014
ई.
12.
राममानस-पूजा
–पेन्सिल्वेनिया
विश्वविद्यालय केर संग्रहमे उपलब्ध पांडुलिपिसँ पहिल बेर संपादित।
धर्मायण,
खंड
84,
महावीर मंदिर पटना,
अक्टूबर-दिसंबर,
2014
13.
मैथिली क्रियापदकोष (व्याकरण ग्रन्थ),
म. वै. दीनबन्धु झा कृत,
ब्राह्मी प्रकाशन,
मधुबनी,
2016
14.
माटी की सुगन्ध,
विश्व हिन्दू परिषद्क दक्षिण बिहार शाखाक द्वारा प्रकाशित बिहार का
गौरव विषयपर स्मारिका,
2016
ई.
15.
मिथिलातीर्थप्रकाश,मूल
लेखक- श्रीकृष्ण ठाकुर,
मिथिला शोध संस्थान,
(बिहार
सरकारक उच्च शिक्षा विभागक ईकाई,
दरभंगा,
2017
16.
मैथिलभक्तिप्रकाश,
(मैथिली
प्राचीन गीत संग्रह) ललितेश्वर सिंह द्वारा संकलित,
ब्राह्मी प्रकाशन,
2017, Google e-book
क्रय हेतु उपलब्ध
17.
सनत्कुमार तंत्रसँ बालराम-स्तव। धर्मार्थ ट्रस्ट,
जम्मूमे उपलब्ध देवनागरी पांडुलिपिपर आधारित।,
धर्मायण,
खंड
93,
महावीर मंदिर पटना,
मार्च,
2020
18.
मांसपीयूषलता- (सम्पादन एवं हिन्दी अनुवाद) म.म. मदन उपाध्याय कृत
ग्रन्थक पाण्डुलिपिसँ पहिल बेर सम्पादन,
प्रकाशनाधीन।
Google e-book
क्रय हेतु उपलब्ध
(2020)
19.
अयोध्या से मिथिला तक (रवि संगम केर संग सहलेखन)- बिहार में श्रीरामसँ
सम्बन्धित प्रमुख तीर्थस्थानक संक्षिप्त परिचय,
Google e-book, 2020, Google e-book
क्रय हेतु उपलब्ध
20.
चतुर्भुज दासक जगज्जीवन-चरितम्,
रीवा राज पुस्तकालयमे उपलब्ध देवनागरी पांडुलिपिपर आधारित,
धर्मायण,
खंड
108,
महावीर मंदिर पटना,
जुलाई,
2021
21.
मेघराज प्रधानक अनंत व्रत कथा (1660
ई.) ई एक हिंदी रचना अछि,
जे वास्तवमे संस्कृत अनंत व्रत कथाक काव्यात्मक अनुवाद अछि। एकरा
देवनागरी पांडुलिपिसँ संपादित कएल गेल छल। धर्मायण खंड.
123.
महावीर मंदिर पटना
22.
रामानंद आचार्यक रामरक्षा-स्तोत्र,
तीन देवनागरी पांडुलिपिक आधार पर रामानंदाचार्य केर हिंदी रचना
रामरक्षा-स्तोत्रक पाठ निर्धारण। धर्मायण,
खंड.
103.
फरवरी,
2021
23.
संत जानकी दासक राम-जन्म बधाई। देवनागरी पांडुलिपिसँ रामजन्म एवं
कृष्णलीलासँ संबंधित
20
श्लोकक संपादन। धर्मायण,
खंड.
105.
महावीर मंदिर पटना। अप्रैल,
2021.
24.
सुबोध,
म.म. पक्षधर कृत। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय,
दरभंगा,
2023
25.
जम्मूवर्णनम्,
कुमुदनाथ मिश्रक रचना। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय,
दरभंगा,
2023
26. “An Account of the Maithil Marriage” by Maharaja Rameshwar Singh
of Darbhanga Raj
टिप्पणी एवं हिंदी अनुवादक संग सम्पादन,
इसमाद प्रकाशन,
2023ई.,
27.
सभाकौमुदी,
वामोरि नारायण,
संस्कृति मन्त्रालय,
भारत सरकार,
तत्वम् फाउण्डेशन फॉर पॉलिसी एण्ड रिसर्च,
पुणे एवं राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन,
2025
28.
सभाविनोद,
दैवज्ञ दामोदर,
संस्कृति मन्त्रालय,
भारत सरकार,
तत्वम् फाउण्डेशन फॉर पॉलिसी एण्ड रिसर्च,
पुणे एवं राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन,
2025
29.
भूपरिक्रमणम्,
म.म. विद्यापति,
पाठोद्धार एवं हिन्दी व्याख्या (डा.विजय देव झा द्वारा अंगरेजी अनुवादक
संग),
इसमाद प्रकाशन,
2025.
शोध-आलेख:
|
क्रम संख्या |
शोध आलेख केर शीर्षक |
पोथी / पत्रिका |
बर्ख |
|
1 |
सूरदास आ वात्सल्य रस |
मिथिला मिहिर, पटना |
1980 |
|
2 |
अपराध नियंत्रण में धर्म का योगदान |
जेकेडी न्यूज, दानापुर, पटना |
2000, जनवरी |
|
3 |
मधुबनी में तिरहुता लिपि का अस्तित्व |
ये मधुबनी है, मधुबनी जिला गजेटियर, जिला प्रशासन, मधुबनी, |
2003 |
|
4 |
समन्वय के प्रतीक गौरीशंकर |
स्व. मदन झा श्रद्धांजलि ग्रन्थ, पटना |
2005 |
|
5 |
वाल्मीकि-रामायणे ज्यौतिस्तत्त्वम् |
डा. उमारमण झा अभिनन्दन-ग्रन्थ, लखनउ |
2006 |
|
6 |
रुद्रयामलक प्रक्षिप्त अंशमे मिथिलाक इतिहास |
मिथिला भारती, मैथिली साहित्य संस्थान, पटना |
2014 |
|
7 |
गुरु की गरिमा |
प्रज्ञानाद, महामण्डलेश्वर स्वामी प्रज्ञानन्द, कालकाजी दिल्ली |
2014, |
|
8 |
अठारहम शताब्दीक एकटा पत्र: मिथिलाक ऐतिहासिक आ सांस्कृतिक तथ्य |
मिथिला भारती, मैथिली साहित्य संस्थान, पटना |
2015 |
|
9 |
मिथिला सँ उपलब्ध कतिपय नव शिलालेख |
मिथिला भारती, मैथिली साहित्य संस्थान, पटना |
2016 |
|
10 |
वनखंडीनाथ महादेव मन्दिर |
कोइलख, हितनाथ झा (सम्पादक), प्रियदर्शी प्रकाशन, पटना |
2017 |
|
11 |
Some Inscriptions from Mithila |
मिथिला भारती, मैथिली साहित्य संस्थान, पटना |
2017 |
|
12 |
संस्कृत वाङ्मय को बिहार का अवदान |
भारती, बिहार राज्य संस्कृत अकादमी, पटना |
2018 |
|
13 |
पंजीक इतिहास आ ओकर प्रासंगिकता |
मड़बा, सबिता झा खान, एम.एन.ठाकुर, रिपुंजय ठाकुर (सम्पादक) |
2018 |
|
14 |
अंधराठाढ़ीक तीन अभिलेख |
भामती, भामती-वाचस्पति स्मारक निर्माण समिति, ठाढ़ी |
2018 |
|
15 |
वाल्मीकि रामायण में अयोध्या की अवस्थिति |
द पब्लिक, काठमाण्डू, नेपाल, सावन 2077. |
2020 |
|
16 |
सौराठ गाँव तथा सभा का इतिहास |
जेकेडी न्यूज, दानापुर, पटना |
2020, फरवरी, |
|
17 |
संस्कृत शिक्षा एवं आर्थिक आत्मनिर्भरता |
जेकेडी न्यूज, दानापुर, पटना |
2020, मार्च, |
|
18 |
विदेह की राजधानी मिथिला नगरी की खोज |
मिथिला की खोज, इसमाद प्रकाशन, दरभंगा |
2020 |
|
19 |
मिथिला का वस्त्र उद्योग |
अरिपन, सविता झा खान, शिवालिक प्रकाशन, दिल्ली |
2021 |
|
20 |
नान्यदेव के भरत-भाष्यम् में आत्मप्रकाश |
अरिपन, सविता झा खान, शिवालिक प्रकाशन, दिल्ली |
2021 |
|
21 |
मिथिला में राम तथा शिव की एकता के सन्दर्भ |
द हेडमास्टर,(अम्बिकानाथ मिश्र स्मृतिग्रन्थ) ईसमाद प्रकाशन, दरभंगा |
2022 |
|
22 |
मिथिलाक्षर/तिरहुता लिपि की प्राचीनता एवं वर्तमान स्वरूप |
बिहार में भाषाओं एवं लिपियों का विकास, सुभाष शर्मा (सं.), बिहार विरासत विकास समिति, पटना, |
2022 |
|
23 |
मिथिला आ ओकर अस्मिताक निर्धारक तत्त्व |
मिथिला गोआ दर्पण, मिथिला समाज, गोआ |
2022 |
|
24 |
संत लक्ष्मीनाथ गोसांईं के देहावसान की तिथि पर एक विमर्श |
धरोहर, अंक 10, श्री उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव, महिषी (सहरसा), बिहार की स्मारिका |
2023 |
|
25 |
मिथिला विभूति रोहिणीदत्त गोसाँई एवं हुनक कृति |
अनुप्रास, पत्रिका वर्ष 4, अंक -7, संपादक- दीप नारायण, इन्द्र परिसर, लहेरियागंज मधुबनी, बिहार, |
2023 |
|
26 |
जनक-क्षेत्र एवं उसके विस्थापन का एक प्रलेखित अपवाह |
स्मारिका, अहल्यास्थान सांस्कृतिक महोत्सव, अहल्या स्थान, दरभंगा |
2023 |
|
27 |
सीता के जन्म की मैथिल कथा |
सीतामढ़ी से प्रकाशित पुस्तक में |
2023ई. |
|
28 |
प्रीति कारण सेतु बान्हल, संपादक- आशीष अनचिन्हार |
2024 |
|
|
29 |
कोशी क्षेत्र के पौराणिक सन्दर्भ |
धरोहर, अंक 11, श्री उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव, महिषी (सहरसा), बिहार की स्मारिका |
2024 |
|
30 |
मिथिला क्षेत्र की पाण्डुलिपियों में मूलग्राम का उल्लेख एवं उपयोगिता |
तत्त्वबोध, अंक 9, राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन एवं इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र., दिल्ली |
2024 |
|
31 |
वाल्मीकि-रामायण में श्राद्धकर्म का स्वरूप |
तर्पण, पितृपक्ष मेला, गया, जिला प्रशासन |
2024 |
|
32 |
मिथिलाक परम्पराक रक्षामे एहि न्याससँ अपेक्षा |
धरोहर, डा. इन्द्र नाथ झा एवं डा. सदानन्द झा (सम्पादक). पण्डित हरिनारायण झा एवं पण्डित शिवनानारायण झा शैक्षणिक एवं सामाजिक सहयोग न्यास, हाटी, मधुबनी (बिहार) |
2024 |
भूमिका-लेखन:
|
क्रम संख्या |
पुस्तक नाम |
लेखक |
प्रकाशन |
बर्ख |
|
1 |
पंजी-प्रबन्ध भाग 1 |
डा. योगनाथ झा |
अंकित प्रकाशन, सरिसब-पाही, मधुबनी |
2010ई. |
|
2 |
न्यायपालिका दशा ओ दिशा |
न्यायमूर्ति राजेन्द्र प्रसाद (अ.प्रा.) |
प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली |
2019 |
|
3 |
असतो मा सद्गमय |
डा. एस.एन.पी. सिन्हा |
वातायन, पटना |
2019 |
|
4 |
मगही मेघदूत |
बाबूलाल मधुकर |
बाबूलाल मधुकर |
2021 |
|
5 |
जागऽ मक्खलि अइलन |
बाबूलाल मधुकर |
बाबूलाल मधुकर |
2022 |
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6 |
साम्ब-पुराण |
प. गौरीकान्त झा |
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सम्मान ओ पुरस्कार–
भवनाथ झाकेँ निम्नलिखित संस्था द्वारा सम्मानित कएल गेल अछि:
1.
दिव्यरश्मि सम्मान, 2016,
पवनसुत सर्वागीण विकास केन्द्र,
पटना
2016,
2. “संस्कृतसेवी सम्मान”,
संस्कृत संजीवन समाज,
पटना,
2016
3.
साहित्य-लेखन केर क्षेत्रमे
‘केवल
सच’
मासिक पत्रिका,
पटना द्वारा चम्पारण सत्याग्रह सम्मान,
2017
4.
श्रीमन्निग्रहाचार्ययशोवर्द्धनसम्मान- साहित्य संम्पादन के क्षेत्र में,
2022ई.
5. “हिन्दीसेवी सम्मान”
हिन्दी साहित्य सम्मेलन,
पटना,
दिनांक
14
सितम्बर,
2020,
हिन्दी-दिवस केर अवसरपर
6.
मिथिला विभूति सम्मान,
विद्यापति सेवा संस्थान,
दरभंगा,
2023
ई.
7.
हस्तलिपिविशेषज्ञसम्मानम्, 2025,
कुमार भास्कर वर्मन् संस्कृतपुरातनाध्ययन विश्वविद्यालय,
नलबाड़ी,
आसाम द्वारा।
8.
सद्गृहस्थ जगन्नाथ चौधरी शोध-सम्मान-2025,
जय-राम शोध संस्थान,
सुल्तानपुर,
कुशेश्वर स्थान,
दरभंगा द्वारा


भवनाथ झा एवं हुनक परिवारक फोटो सभ:

भवनाथ झा
एवं हुनक परिवारक फोटो सभ:


चित्र-2 पिता पं. अमरनाथ झा, चित्र-3 माता योगेश्वरी देवी


चित्र-4 पत्नी श्रीमती कुमुद झा, चित्र-5 पुत्री श्रीमती आरती मिश्र


चित्र-6 पुत्री अलका झा, चित्र-7 पुत्र अभिचन्द्र झा

चित्र-8 पुत्र श्री राकेश कुमार
मिथिला में बहैत अमरावती नदीक पश्चिम कछेर पर गंगौली गाम स्थापना भेल। ओकर संस्थापक छलाह गंगाधर उपाध्याय। हिनका दू बेटा रहथिन- वीर उपाध्याय आ नारायण उपाध्याय। छोट बेटा नारायण उपाध्यायक बेटा शूलपाणि हुनक बेटा संकर्षण एक दिस खण्डवा ग्राम उपार्जन कएल आ हुनक संतति खण्डवला कहौलनि। एही गंगाधर उपाध्यायक ज्येष्ठ पुत्र वीर उपाध्यायक पुत्र देवधर उपाध्याय छलाह जनिक पुत्र आदिदेव रहथि। आदिदेवक पुत्र विकर्ण उपाध्यायक पुत्र वाचस्पति पगौली गामक उपार्जन कएल। एकर नाम पबौली सेहो भेटैत अछि। एहि वाचस्पतिक संतति परम्परामे पं. भवनाथ झा छथि। हुनक वंशावली एना अछि (पंजीप्रबन्ध, भाग 1, डा. योगनाथ झा)-
वाचस्पति> बापट >जगद्धर > दिवाकर > सुपन > देवदत्त > शिवदत्त > कृष्णदत्त > सभापति > गोप > रतिपति > कालिदास > सदानन्द > कुलानन्द > धर्मानन्द > टेकानन्द प्रसिद्ध जनार्दन > बुद्धिनाथ > अमरनाथ > भवनाथ।
एहिमे शिवदत्त उपाध्याय सिद्ध कहबैत रहथि। ओ कालीक प्रख्यात साधक छलाह आ हुनक चलाओल गेल पूजापद्धति एखनहु धरि एहि वंश मे पारम्परिक रूपसँ अछि। एक स्रोतक अनुसार ओ बढियाम अएलाह आ हुनक वंशज कालिदास झा बढ़ियाम गाम छोड़ि वर्तमान गाम रुपौली आबि बसलाह। कहल जाइत अछि जे महाराज नरेन्द्र सिंहक कालमे जखनि कन्दर्पी घाटक युद्धक सूरसार होमए लागल तखनि राघवसिंहक द्वारा होराय झाक नामसँ 1719ई.मे “चतुरंगिणीपरिसर सहित”देल गेल परिहारपुर-राघोपुरग्रामदानकें हुनक पुत्रहीनताक स्थितिमे वापस लए ओतए पुनः शैन्य-शिविर सुगठित कएल आ तरौनी-राघोपुरक चारूकात लग-पासमे विद्वानक छिट-फुट बसल परिवारकें सुरक्षित स्थान पर बसएबाक उद्यम कएल। एही क्रममे कालिदास झा अपन भागिन खुशिहाल झाक संग रुपौली गाम आबि बसलाह।
एहि कालिदास झाक संतति परम्परामे आठम पीढ़ी पर पं. भवनाथ झा छथि। हिनक प्रपितामह जनार्दन झा कें तीन पुत्र- बुद्धिनाथ झा, भगीरथ झा आ ऋद्धिनाथ झा। माझिल भगीरथ झाक पौत्र डा. रमण झा मिथिला विश्वविद्यालयक स्नातकोत्तर मैथिली विभागसँ अवकाशप्राप्त आ अनेक पुस्तकक लेखक छथि। ऋद्धिनाथ झाकें तीन पुत्र आ ओहिसँ कुल 9 पौत्र छथिन्ह। ज्येष्ठ पुत्र बुद्धिनाथ झाकें तीन पुत्र- पं. शक्तिनाथ झा, पं. ललितनाथ झा आ पं. अमरनाथ झा। एहिमे माझिल भाइ पं. ललितनाथ झा न्यायशास्त्र आ व्याकरणक विद्वान् छलाह। काशीमे शिक्षा पाबि 1935 ई.मे महारानीक आदेशसँ महरैल आबि ओतए संस्कृत महाविद्यालयक स्थापना कएल। मुख्य रूपसँ हिनके सँ अध्ययन कए पं. अमरनाथ झा व्याकरण शास्त्रमे पारंगत भेलाह। पं. ललितनाथ झा पं. अमरनाथ झा दूनू गोटे अपन मामा महावैयाकरण दीनबन्धु झाक सांनिध्य पाबि विद्याक परम्पराकेँ ग्रहण कए आगाँ बढ़ओलनि।
पं. अमरनाथ झाकें दू पुत्र तथा एक पुत्री भेलनि। ज्येष्ठ संतान पुत्रीक विवाह कोइलख पछवारिटोलक नारायण झासँ भेलनि। ज्येष्ठपुत्र पं, शम्भुनाथ झा सेहो संस्कृत साहित्याचार्य आ संस्कृत एवं हिन्दीसँ एम.ए. छलाह। ई सोमेश्वरनाथ संस्कृतोच्च विद्यालय, अरेराज मे अध्यापन आरम्भ कएल आ 1978ई.मे बिहार सरकारक अधीन धर्मसमाज संस्कृत उच्चविद्यालय मोतिहारी एवं मुजप्फरपुर में अध्यापक रहलाह। बीचमे किछु दिनक लेल गया सेहो पदस्थापन भेलनि आ मुजप्फरपुरमे रहैत अनुबन्धक आधार पर लंगट सिंह महाविद्यालयमे अध्यापन सेहो कएलनि।
पं. भवनाथ झा पिता आ अग्रजसँ संस्कृतक गहन अध्ययन कए आगाँ बढ़लाह। हिनक माध्यमिक स्तर पर शिक्षा लक्ष्मीश्वर एकेडमी सरिसब पाहीमे भेलनि, जतय मैथिलीक प्रख्यात कथाकार मनमोहन झा, पं. लीलाकर झा, आ श्री जितेन्द्र नारायण झा, श्री जीवनाथ मिश्र हिनक शिक्षक रहथि जे हिनकामे लेखनक रुचि जगौलनि। एहि कालमे ई अपन गामक परिसरक पं. भवनाथ झा दीपक, श्री शैलेन्द्र आनन्द, श्रीराज आदि मैथिलीक गणमान्य साहित्यकारक सम्पर्कमे रहलाह। रुपौलीसँ सटल पूबमे अवस्थित जमुथरि गामक पं. मतिनाथ मिश्र मतंग, पं. यन्त्रनाथ मिश्र आदिक प्रेरणा आ सत्संग हरदम भेटैत रहलनि।
माध्यमिक शिक्षा समाप्त कए ई जगदीशनन्दन सिंह महाविद्यालय मधुबनीसँ विज्ञान विषयमे इंटरमीडिएट धरि अध्ययन कए रामकृष्ण महाविद्यालय मधुबनी मे 1985-87क सत्रमे स्नातक कएलनि जाहिमे इतिहास, अंगरेजी आ संस्कृत विषय चुनलनि आ ओतएसँ दू वर्षक स्नातक कए 1987-88ई.क सत्रमे महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह महाविद्यालय सरिसबसँ संस्कृत विषयमे स्नातक (प्रतिष्ठा) धरि पढ़लनि। एतए संस्कृतक प्रकाण्ड विद्वान् डा. रामजी ठाकुरक आ घर पर पिताक सांनिध्य हिनका लेल सुअवसर छल। प्रथम श्रेणीसँ स्नातक प्रतिष्ठा उत्तीर्ण कए मिथिला विश्वविद्यालयक स्नातकोत्तर संस्कृत विभागमे डा. त्रिलोकनाथ झा, डा. शक्तिधर झा, डा. चण्डेश्वर झा, डा. श्रीवर्द्धन ठाकुर, डा. कालीकान्त झा आदि प्रतिष्ठित विद्वानसँ एम.ए. धरि पढ़लनि। सत्र विलम्बसँ चलैत छल तें एम.ए.क परीक्षा 1992 ई.मे भेलनि आ 1993क जूनमे यूजीसी द्वारा आयोजित नेट परीक्षा पास कएलनि। तकर बाद दरभंगामे रहैत हिनकासँ पढ़बाक लेल एम.ए. संस्कृतक आठ टा छात्र अएलाह, जिनका पढ़एबाक क्रममे एक वर्ष धरि स्वाध्याय चरम सीमा पर कएलनि।
रोजगारक क्रममे ई 1995सँ 1998 धरि सरस्वती शिशु मन्दिर, औंटा (मोकामा)मे अध्यापन कएलनि। आ 1998ई.मे राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान द्वारा मान्यताप्राप्त अजित कुमार मेहता संस्कृत शिक्षण संस्थान, लदौरामे आचार्य कक्षा धरि पढ़ौलनि। एही ठाम रहैत पं. झा कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक 18 टा पाण्डुलिपिक लिप्यन्तरण डा. शशिनाथ झाक निर्देशन आ आदेश पर कएलनि। ई क्रम 2003 धरि चलैत रहल। ताबत धरि लदौरा संस्कृत महाविद्यालयक सचिव स्तर पर धांधलीक कारणें आ प्रमाणपत्र मात्र देबाल संस्था रहि जेबाक कारणें ओकर मान्यता समाप्त करबाक निर्देश आबि चुकल छल। सन् 2003ई.मे कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक कुलपति आ महावीर मन्दिर पटनाक सचिव आचार्य किशोर कुणालक निर्देशन पर पर पं. झा ओहि महाविद्यालय कें छोड़ि पटना आबि गेलाह, जतए शोध एवं प्रकाशन पदाधिकारीक पद हिनका देल गेलनि।
परिवार
पं. भवनाथ झाक विवाह मैबी गाममे दरिहरा मूलक कीर्तिनन्दन झाक पुत्र स्व. सुरेश झाक दोसर कन्या कुमुदसँ भेल। एहिमे हिनका दू पुत्र आ दू पुत्री छथिन-
श्री राकेश कुमार- कला एवं शिल्प महाविद्यालय, पटनासँ स्नातक धरि आ तकर बाद विश्वभारती, शान्तिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) सँ शिल्पकलामे स्नातकोत्तर कए सम्प्रति पश्चिमी चम्पारणमे बिहार सरकारमे ‘जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी’ छथि।
श्रीमती आरती मिश्र- ई ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयसँ एम.ए. संस्कृत) कएने छथि। हिनक विवाह हरिअम्मे मूलक बेहटक मूल निवासी स्व. सुबोध मिश्रक दोसर पुत्र श्री नीरज मिश्रसँ भेलनि। श्री नीरज मिश्र एखनि दरभंगा जिलाक बहादुरपुर प्रखण्डमे बिहार सरकारक प्राथमिक विद्यालयमे प्रधान शिक्षक छथि। ई लोकनि स्थायी रूपसँ दरभंगामे रहैत छथि।
श्रीमती अलका झा- ई कोलकाता विश्वविद्यालयसँ विधिशास्त्रमे स्नातक (बी.ए. एल.एल.बी) कए बिहारक न्यायालयमे अधिवक्ताक रूपमे स्थायी पंजीकृत छथि। हिनक विवाह फंदहवार मूलक मंगरौनी निवासी डा. विनयानन्द झाक द्वितीय पुत्र श्री सव्यसाची अभिजित् प्रसिद्धवागीशसँ भेल छनि।
श्री अभिचन्द्र झा- ई सम्प्रति पटना एल.आइ.ए.टी. (NIFT)मे फैशन टेक्नोलॉजीक अन्तिम वर्षक छात्र छथि।
पं. भवनाथ झाक पिता पण्डित अमरनाथ झा
(02-07-1919 सँ 18-06-2000)
डा. सतीरमण झा
रुपौलीक पगुलवार बढ़ियाममूलक पण्डित जनार्दन झाक पौत्र ओ पण्डित बुद्धिनाथझा पुत्र पण्डित अमरनाथ झाक जन्म आषाढ़ शुक्ल पञ्चमी 1327 साल तदनुसार 02 जुलाइ 1919 ई. के रुपौलीमे भेल रहनि।
हिनक माय 'दुर्गा देवी' इसहपुरक मड़रय सिहौलीमूलक पण्डित फेकू प्रसिद्ध विद्यानाथ झाक कन्या (गङ्गानाथ झाक बहिन) रहथिन।जाहिमे ई तीन भाइ तथा तीन बहिन।भाइमे पण्डित शक्तिनाथझा, पण्डित ललितनाथ झा- वैयाकरण, लक्ष्मीवती संस्कृत पाठशाला, महरैलक संस्थापक अध्यापक ओ पण्डित अमरनाथ झा तथा जेठ बहिनक विवाह पाहीटोलक पण्डित महावीर मिश्रसॅ, दोसर बहिनक विवाह कल्याणपुरक हरेनाथ झासँ तथा तेसर बहिनक विवाह गंगौलीक गणेश झासँ भेल रहनि।
पण्डित अमरनाथ झाक प्रारम्भिक शिक्षा घरे पर सुयोग्य अग्रज वैयाकरण पण्डित ललितनाथ झासँ प्रथमा धरि भेल रहनि। तदुपरान्त शास्त्री पर्यन्त शिक्षा रमेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय दरभंगा मे पण्डित सदानन्द झाक सान्निध्य मे ग्रहण कएने रहथि। माम महावैयाकरण पण्डित दीनबन्धु झाक सान्निध्यमे व्याकरणाचार्य कएने रहथि आ व्याकरण शास्त्रक मर्मज्ञ विद्वान् रहथि।
अध्यापन प्रारम्भ कएलनि श्री हरिगंगा तंत्रलता संस्कृत उच्च विद्यालय सिमरियासॅ, जतय 1959सँ1970 धरि अध्यापन कएलनि। 21 जुलाइ 1970सँ 25 नवम्बर 1987 धरि तेजधारी नन्दन संस्कृतोच्च विद्यालय इसहपुरमे अध्यापन करैत प्रधानाध्यापकक पदसॅ सेवा निवृत्त भेल रहथि।
पण्डित अमरनाथ झा उच्च कोटिक वैयाकरण तॅ रहबे करथि। ज्योतिषशास्त्रक सेहो विशेषज्ञ रहथि।ज्योतिषशास्त्रक हिनकहिसँ अध्ययन कएनन्दन संस्कृत महाविद्यालय इसहपुरक प्रधानाचार्य तथा हिनक ममियौत विद्यावारिधि पण्डित माधव झा ज्योतिषशास्त्र ज्ञाता भए टिप्पणी आदि बनबैत रहथि।
पण्डित अमरनाथ झा पाण्डुलिपि शास्त्रक पारम्परिक ज्ञानक उद्भट विशेषज्ञरहथि। हिनक प्रख्यात पाण्डुलिपि विशेषज्ञ पुत्र पण्डित भवनाथ झा अपन पितेक सुयोग्य शिष्य छथि। प्राचीन शैलीक तालपत्र लेखन ले तैयार करब, ओकरा लेलमोसि ( रोशनाइ) बनाएब आ बाङक तूरसँ कागज बनाएब आदि हिनक अभिरुचिक विशिष्ट कला छल।
हमर सौभाग्य रहल जे महाविद्यालयमे अध्यापनक प्रारम्भिक छः वर्ष आ हिनक अध्यापनक अन्तिम ओ अवधि एकहि परिसरमे इसहपुरमे बितल अछि। प्रारम्भिक कालक व्याकरण सम्बन्धी अनेक जिज्ञासाक समाधान हेतु पण्डित माधव झाक संग हिनक समक्ष उपस्थित भेल छी आ हिनक सरल सहज बोधगम्यशैलीमे बुझेवाक कलासॅ लाभान्वित भेल छी।
हिनक अनेक शिष्यमे एक प्रमुख छथि- पूर्वस्नातकोत्तर मैथिली विभागाध्यक्ष,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालयक प्रख्यात विद्वान् प्रोफेसर डाक्टर रमणझा।
पण्डित अमरनाथ झा एक उच्च कोटिक वनस्पतिक ज्ञाता सेहो रहथि। आयुर्वेदिक औषधि ओ धार्मिक महत्वक दृष्टिसँ अनेक वनस्पति अपन आलयमेलगौने रहथि आ हिनक भेषज्य उद्यानक अवशेष अद्यावधि यथासाध्य सुरक्षित दर्शनीय अछि।
कौलिक आचार विचार निष्ठापूर्वक पालन केनिहार, अध्ययन-अध्यापन, पूजा पाठ, जप ध्यानक अतिरिक्त समयमे सामाजिक कल्याणार्थ हिनक उच्च कोटिक विचार प्रशस्त रहल।
हिनक विवाह बिट्ठो गामक करमहे बेहटमूलक बतहू प्रसिद्ध छत्रनाथ झाक कन्या स्वर्गीया योगेश्वरी देवीसँ, जाहिमे दू पुत्र तथा एक कन्या। पहिल बालकसाहित्य ओ व्याकरण शास्त्रक विद्वान्, शास्त्र चूड़ामणिपण्डित स्व.शम्भुनाथ झा एवं दोसर बालक प्रख्यात पाण्डुलिपि विशेषज्ञ, विभिन्न ग्रन्थक सम्पादक, प्रकाशन प्रभारी, महावीर मन्दिर पटनामे कार्यरत पण्डित भवनाथ झा छथि। एकमात्र कन्या श्रीमती सीतादेवीकविवाह कोइलखक स्वर्गीय नारायण झासँ।
हिनक पौत्र श्री बन्धुनाथ झा, श्री शिशुनाथ झा,श्री राकेश प्रसिद्ध महिनाथ झा ओ श्री अभिचन्द्रझातथा पौत्री श्रीमती सुषमादाइ, श्रीमती अंजनादाइ, श्रीमती पद्मादाइ, श्रीमती आरतीदाइ ओसुश्री अलकादाइतथा दौहित्र श्री सन्तोष कुमार झा तथा दौहित्री श्रीमती वीणादाइ ओ श्रीमती रुपमदाइ आदिसँ भरल-पुरल परिवार वर्तमान वर्धमान छनि।
आषाढ़ कृष्ण द्वितीया दिनांक 18 जून 2000 ई. के भगवद् स्मरण करैत वैकुण्ठ प्रस्थान कए गेलाह। ओहि पुण्यात्मा कें सतीरमणकसादर नमन आ विनम्र श्रद्धाञ्जलि भावकुसुमाञ्जलि।
अपन मंतव्य editorial.staff.videha@zohomail.in पर पठाउ।
