महाकान्त प्रसाद
भालरि/ फालतू
१
भालरि
-मीत यौ, फरमान ककरा कहै छैक?
-यौ मीत, हमरा नहि बुझल अछि। चलु गुरुजी सँ पूछै छी।
-सर, फरमान ककरा कहै... ।
ई-शिक्षकोश पर काज करैत गुरुजी भालरि भ गेलाह। माथ पर पसेनाक बुन्न अभरि
एलैक।
२
फालतू
हम हुनकासँ जिगासवश पुछलियनि- 'अहाँ हमारा मादे की सोचै छी?'
'अहुँ कोनहु सोचबाक चीज छी'- ओ कहलनि।
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