प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका

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प्रमोद झा  'गोकुल'

जय गोड़ैया बाबा !


राति तकरीबन दसेक होइत हेतै‌। जाड़ ते बूझहू बीच बजार मे केहनो केहनो हठ्ठा कठ्ठाके बजारैले टाल ठोकि रहल छलै ,आ तैपरसे पछवाक हल्फी जेना आर सिरसिराके राखि देलकै । सब अपन अपन घर मे रजाइ आ कम्बल तर निसबद भेल अपन दुनू हाथके दुनू जाँघक बीचमे दाबि घोकड़ियाके सूतल छल। जकरा कपड़ा लत्ता आ बिछौनाक अभाव छलै से उठि उठि के आगि धधका धधका के बाले बच्चे सबहु परानी कहुनाके राति कटैले बिवस छल । कि तखने लगेमे खुटेसल गाय खूब जोर जोर से हुकरय लगलै, से सुनिके बलचनमा ताज्जुब मे पड़ि गेल। यैहतै लगभग महिना दिन भेलैए जे ई पाल खेनै रहै तहन फेर आइ एना डिड़िया किए रहल छै? पजड़ा सटिके बैसलि धन्नो तैपर माथ पिटैत कहलकै -ई आँखिसे पाल खाइत देखने छलै से?
-मर बैँहिं ,आंँखिक सोझाँमे सेन्टर पर कम्पोटरा सीमेनक सुइ लगौने छलै,तखन एना किए भेलै से गोड़ैया बाबा जानैथ।हमराते खूब खियाल ऐछ जे मास दिन पहिने •••
- धौर, पैहले लग जाके देखौगे ने जे ढरैक उरैक गेलैये कि बेसी जाड़ ठाड़ छै तेँ एना डिरियाय छै!
- हँ सेहो ई बेस कहै छै! देखै छियै सहटिके जाके। सिरहाना तर से चौरबत्ती लबौते तनी!
- लौ, नीक नहैंत तजबीज क'के देख अबौ!
दुनू ठेहून पर हाथ रखैत बलचन उठल आ अङैठीमोर करैत बाजल -हौ बाबा रछ्छा करह हौ! गरीबक गोहारि एक तोहीं •••एतबा कहैत ओ टगय लागल कि धन्नो झटसिन उठिके अपन बांहिंक सहारा दैत कहलकै -होसमे अबौ फुलिया बाबू! कहूंँ आगि लग किओ एना अङैठीमोर करय?
- त•••• जँ आइ ई लगमे नै रहितैते तेसरे बात भ' जैतै!
- शुभ शुभ बोलौ आ जाउ देख अबौ लछमीके! डिरियाय ते तहिना छै फेनोसे ओहा गेलैए!
- इहो अनट बनट जुनि बोलौ! जँ से भेलै ते बुझौ अनरथ भ' जेतै। अच्छे ••• ते इहो जरे चलौ ने!
-हम जाके की करबै?
- जनी जातिक बात ते ई हमरासे अबस्से बेसी बुझहैत हेतै!
- मनुखक बात किछ आर होइ छै
-आर की हेतै? तकरीवन सब बात एके रङ होइ छै। अंतर एतबे जे मनुखक मुहँमे बोल आ दिमागमे अकल होइछै।
-बेस ते चलौ देव पितरक गोहारि क'के ।
दुनू बेकती गाय घर गेल आ टार्चक रोशनीमे नाङैर उठाके देखलकते हाकरोस करैत बाजल - जुलुम भ' गेलौ गै धन्नो! आशा पर बरफ जमा देलकै दैवा!!
-घौना जुनि करौ आ बोलौ की भेलै?
- फेनो से ओहा गेल छै गाय,सैह।
-ऐ मे एकर कोन साध छै! मोनके थीर क'के चलौ घूरा तर।सुतली रातिमे एकर कोनो उपाइयो ते नै छै? हँ एतबा धैर कहि दै छियै जे ऐबिरदा सेन्टर पर नै जा के कोनो निम्मन जातिक देसी सरहा से पाल खुवौतै!
से कत' भेटतै ऐ गाम मे?
- किए, बिचला टोला मे भाला बाबूक ओइ जग नीक जातिक बड्ड निम्मन सरहा छै।
-आँइ•••••
- हँ पचास रुपैये खेप लै छथीन निस्तुकी गैरेन्टीक संग।
- भने ई कहि देलकै।आब बउवाइयो नै पड़त। काइल्हि अहलभोरे तखन हुनके दूरा पर गाय ल' के पहुँच जेबै।जय गोड़ैया बाबा! ऐ बिरदा गरीवक आहार नै छिनिहह।

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