राज किशोर मिश्र, रिटायर्ड चीफ जेनरल मैनेजर (ई), बी.एस.एन.एल.(मुख्यालय), दिल्ली,गाम- अरेर डीह, पो. अरेर हाट, मधुबनी
जंक फूड
सैंडवि च, बर्गर, पि ज्जा ,
आलूदम, मैगी ,मो मो ज ,
धि आ -पुता लेल एहि सँ नमहर,
हो एत आर को न भो ज?
अल्लू चि प्स, बि स्कुट, केक,
रंग -वि रंग के चॉ कलेट,
परहेज ने को नो , भेट जा इ जँ,
इएह सभ भरि -भरि पेट।
तेल मे खूब कऽ तरल पको ड़ा ,
पनी रक टि क्का जो ड़ा -जो ड़ा ।
'स्टा र्टर' महक' खा द्य पदा र्थ,
नवतुरि या केॅं,बि सेख आकर्षण,
जंक फूड लेल बेकल रहैछथि ,
आ, चा है छथि ,खन-खन ,दर्शन ।
को ल्डड्रिं क नहि एकतरहक,
बजा र मे अनेका नेक,
ओहि के अला बा, फल सभहक
भरल जूस ओ शेक।
जंक फूड के पैकिं ग जेहने,
मुह मे सो अदगर अछि ओ तेहने।
भि न्न -भि न्न कंपनी क डि ली वरी ब्वाॅ य ,
प्रसंस्कृत खा द्य केॅं परसैत जा य।
चि कि त्सा वि ज्ञा न अनुसा र, आब
एकर सुनल जा ए कुप्रभा व,
एहि भो जन मे ने पो षक तत्व,
आ,स्वा स्थ्यक अहि त करब स्वभा व।
अति रि क्त बसा सँ, को लेस्ट्रॅा ल बढ़त,
ऊपर स्तर , ब्लड -सुगर चढ़त।
जे सभ नी क लगैत छै मन के,
ओ सभ खतरा ,हृदय आ तन के।
भो जन ,जे अरुदा के छी नए,
ओकरा तऽ स्वा स्थ्य सँ द्रो ह ,
एहन अस्वा स्थ्यकर खा द्य लेल,
कि ओ कि ए रा खथि मो ह?
मो न के तऽ नी क ला गौ ,
आ, ली वर, हृदय पर हो उक आघा त,
जि नगी क लेल, को नो तरहेँ,
कहूने, भेलैक नी क ई बा त?
देखए मे जे अछि नेनुआगर,
चहटगर आओर सो अदगर,
दूरहि सँ, हम करी प्रणा म,
नहि चा ही पि ज्जा , बर्गर।
जा हि भो जन सॅं उदर मे,
उठए धो नि ढेका र,
को ना ने कहि औ खा द्य ओ
रुचि गर,मुदा बेका र?
जखने बा रि क परसय आबए,
जंक फूड, कैंडी , कुकी ,
पा तक' ऊपर, हा थ बा रि कऽ,
तत्क्षणे, ओकरा रो की ।
भो जन मतलब,
संतुलि त आहा र,
डा गदर सभ बा जथि ,
बा रम्बा र।
भा त, दा लि , सला द, सो हा री ,
खा इ, फल, हरि अर तरका री ।
अगबे वसा , का र्बो हा इड्रेट,
स्वा स्थ्य ने देत, बस भरि देत पेट।
वि टा मि न, प्रो टी न, का र्बो हा इड्रेट,
जल ,वसा , आ खनि जक संतुलन ,
संतुलि त आहा र ,वएह भो जन अछि ,
दी र्घा यु बनी , ई बसए मन सदि खन ।
जय हो , जय हो ,
संतुलि त आहा र ,
अरुदा भेटैत छै,
एही दरबा र।
जंक फूड!
तोँ ,नहि छऽ गुड।
अपन मंतव्य editorial.staff.videha@gmail.com पर पठाउ।