कल्पना झा
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
हऽम नोब नय छी,
ने कात क चिंता आ ने बात क चिंता,
लोहछल मोन आई
बडु व्याकुल अति,
सुनलुं आजु "अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस" छै,
केकरा स पुछु आ के कहत,
घोघक तड़ सं मोन धुकचुनंकाईयै,
निर्वाह करैत रहु कि
किछु बाजु,
बिकायल गाय जेका माय छी,
मोन क बात मोने में राखि
पाऊच करयै छी,
समय क बखरा करैत
आब मोन थाकि गेल,
ओरियानी में बसि
उड़ैत चुनमुनियां के देखै छी,
आ आसमान क बाट जोहै छी।
-कल्पना झा, बोकारो, झारखंड
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