प्रणव झा
पप्पू पेंटर
विजय दिल्ली मे एकटा सरकारी महकमा मे पिछला 15 वर्ष से काज करई छलाह। अखन धरि के कमाई से जे पाई जमा केने छलाह तै से एबरी नियारने छलाह जे गाम पर एकटा सुन्नर घर बनाबी। योजना अनुसार विजय एक महिना के छुट्टी लऽ कऽ गाम एलाह आ घर ठानि लेने छलाह। ओना त विजय ईएमआई पर शहर मे सेहो एकटा फ्लैट लऽ नेने छैथ मुदा एकटा पैघ आ सुसज्जित घरक कामना गाम पर पूरा करई चाहय छलाह। गाम पर साढ़े तीन कट्ठा के पैतृक घराड़ी छल जै मे पुरना मकान छल। गाम मे खपड़ैल के ई अंतिम निसानी मे से एक छल जे आब खसि पड़ल छल। ओकरे स्थान पर आब नया मकान बनाओल जा रहल अछि। आधुनिक वास्तुकला, डिजाइन आ साज-सज्जा संगे। विजय के बरबसे याद आबि गेल छल जे नेनपन मे मैंयाँ हुनका अलिया-झलिया पर झुलबऽ काल फकड़ा पढय छलखिन... अलिया गे, झलिया गे, गोला बड़द खेत खाय छौ गे.....पुरान घर खसे... नव घर उठे। ओ सोचय लागल छलाह जे ठीके त कहय छै, पुरान घर के एकदिन खसबाक रहिते छैक आ ओकरे ऊपर नव घरक सृजन होइत छैक।
प्लास्टर भेला के बाद जखन इंटीरियर, आ रंगाई-ढोराई के बात एलई त लोक सभ कै टा नाम सूझेलक जै मे से एकटा ”पप्पू हीरा इंटीरियर एंड सेनीटरी” सेहो छल जे कै टा लोक सूझेने छल। दलसिंह सराय बजार मे नामी छल।
विजय आन-आन दोकान पर मोल-मोलई करैत ”पप्पू हीरा इंटीरियर एंड सेनीटरी” के दोकान पर सेहो पहुंचला।
सूर्यक चकमक प्रकाश दोकानक रंगीन काचसँ फूटि रहल छल। दोकानक बाहरी हिस्सा चमचम करैत आधुनिक डिजाइनसँ सजल छल। शीशासँ ओझरा रहल रौदक किरन आँखिकेँ सम्मोहक लागि रहल छल।
विजय अंदर प्रवेश केलाह। दोकानक भीतरक सजावट आकर्षक आ सुसज्जित छल। देवाल पर रंग-बिरंगा आ विभिन्न डिजाइन के टाइल्सक नमूना लगाओल छल। ओहि टाइल्सक चमक आ रंगक संगम देख विजय प्रभावित आ ख़रीदारी लेल सकारात्मक भेल छलाह ।
दोकानक बीचमे एकटा सजल-सजाओल काउंटर छल, जकरा पर विभित्र प्रकारक सैंपल्स राखल छल। काउंटरक पाछाँ, शेल्फमे सिंक, शावर हेड, बाथटब आ अन्य प्रसाधन आ सेनीटरी सामग्री ढंग से सजा के राखल छल। काउंटर के ऊपर दहीन कोन मे बनल पाथरक एकटा छोट सन पूजाघर मे लक्ष्मी-गणेशक मुर्ति स्थापित छल। लक्ष्मीजीक मुर्ति स्वर्णिम आ आभायुक्त छल, संगहि गणेशजीक मुर्ति श्वेत आ सोम्य लागि रहल छल। धूपक सुगंध पूरा दोकानमे पसैर रहल छल। धूपक सुगंध आ दीपक मधुर प्रकाश वातावरण के पवित्र बना रहल छल आ दोकानक शोभा बढा रहल छल। काउंटर पर बैसल दोकानदार कहलक, "आउ सरकार बैसु। की सेवा करी से हुकुम करियौ।"
विजय बजलाह - हमरा अपन मकान लेल टाइल्स चाही, फ्रंट देवाल लेल, फर्श लेल, भानसघर लेल, बाथरूम-पैख़ाना लेल अलग अलग, आधुनिक डिजाइन आ रंग मे। संगही यदि अहांक दाम आ सामाग्री रुचिगर लागल त सेनीटरी आइटम सभ सेहो लेबाक अछि।
दोकानदार अपन अनुभवक झलक देखबईत कहलक, "देखू बाबू, हमरा लग टाइल्सक अनेक प्रकार अछि। जइमें सिरेमिक, पोर्सलीन, विनायल, आ मोजेक टाइल्स आदि अछि। हरेक टाइल्सक अपन-अपन विशेषता अछि। जेना सिरेमिक टाइल्स मजबूत आ टिकाऊ होइत अछि, आ पोर्सलीन टाइल्स शोभाक दृष्टिकोणसँ उत्तम होइत अछि....इत्यादि.....इत्यादि। एही प्रकारे टाइल्स सभ के खासियत बताबईत ओ हेल्पर के संगे देवाल पर नाना प्रकार केर टाइल्स के पैटर्न लगा क विजय के देखाबऽ लागल। "
विजय ओय मे से किछ सैंपल फाइनल करबाक लेल सेलेक्क्ट कऽ नेने छलह।
ता दोकानदार अपन मार्केटिंग अनुभव के देखबैत कहलक "हमरा लग नै खाली टाइल्स, अपितु सिंक, बाथटब, शावर हेड, आ अउरो बहुत रास प्रसाधन आ सेनीटरी के सामग्री आधुनिक डिजाइन मे भेंट जैत।“
विजय पुछलक - "पेंट्सक समान आ विकल्प सभ सेहो अछि अहाँक लग की?"
दोकानदार मुस्कुराइत उत्तर देलक - "हँ बाबू, हमरा लग सभ प्रकारक पेंट्स अछि। जेना कि, एक्रिलिक पेंट्स, ऑयल बेस्ड पेंट्स, एम्मल पेंट्स, आ वाटर बेस्ड पेंट्स। अलग-अलग रंग आ शेड्स मे उपलब्ध अछि। आ हमरा लग प्राइमर, पुट्टी, आ विभित्र प्रकारक फिनिशर आदि पेंटिंग मे जे भी सामाग्री के आवश्यकता होइत छैक सभटा निक क्वालिटी मे आ उचित मूल्य पर उपलब्ध अछि। अहाँकेँ जत्ते सुन्नर आ टिकाऊ पेंटिंग चाही, ओकर लेल हमरा लग सब सामग्री अछि। संगहि ऐ सभ कार्य लेल निक प्रशिक्षित आ अनुभवी कारीगर सेहो अछि। अहाँ चाही त काजक ठेका सेहो दऽ सकय छी।"
एहि बीच ग्राहक के साकारात्मक हावभाव के अनुभव करैत अनुभवी दोकानदार विजय के लेल चाह मँगवा नेने छल।
विजय, चायक सिप लेइत, पूछलक - अहाँक सामग्री सभ मे से किछ हमरा पसिन पड़ल आ हमरा लगय य जे हमर आवश्यकता के अनुसार अछि, ताहि दुआरे लेल जा सकय अछि। मुदा ई बताउ, अहाँक सेवा कत्तेक उत्तम अछि?
दोकानदार मुस्कियाइत बजलाह - "हमरा लेल ग्राहकक संतुष्टि सभसँ पैग गप अछि। हमरा लग प्रशिक्षित आ कुशल तकनीशियन अछि, जकरा टाइल्स, वालपेपर लगेबाक निक अनुभव छैक। आ कखनो कोनो समस्या भेल, त हम तत्क्षण समाधान करबाक लेल उपलब्ध रहय छी। अहाँ ऐ विषय मे चौहद्दी मे ककरो से पूछि सकय छी। पेंटिंगक लेल सेहो हमरा लग कुशल कारीगर छथि, जे घरक साज-सज्जा केँ सुंदर बनबैत छथि। हमरा स्वयं ऐ काज मे 20 वर्ष से बेसी के अनुभव अछि।"
ओतऽ दोकान बला हिनकर आवश्यकता, चाहत, अपन अनुभव, प्रस्ताव आदि पर विमर्श करैत बात जखन दाम पर एलई, त दोकानबला कहलक जे ओना त हम अपन सामाग्री सब पर ग्राहक केर हिसाब से 5-10% तक के छूट दैत छिएक मुदा अहाँ लेल 15% के फ्लैट डिस्काउंट कऽ देब। बाँकि सर्विस यदि अहाँ लै छी त सर्विस के लेल ओना अहाँ जे दाम द दी से हमरा स्वीकार, हम अपना दिस स अपन फिक्स रेट के 50% डिस्काउंट अहाँ के दै छी।
ई सुनि विजय अकचकाइत पूछलाह “हमरा पर एत्तेक उदारता किएक यौ?”
“सर लगई य अहाँ हमरा चिनहलहु नै! हम पप्पू पेंटर, 7-8 वर्ष पहिने दिल्ली मे अहाँ से भेंट होइत छल ” – दोकानबला उत्तर मे बाजल छल।
विजय अपन स्मृति पर ज़ोर दैत किछ याद करऽ लगलाह। फेर हुनका याद आबि गेल छल “पप्पू पेंटर”। जखन ओ दिल्ली के एकटा कालोनी मे किराया के घर पर रहय छलाह त पप्पू पेंटर से कखनों काल भेंट होई छल नौआ दोकान पर केश कटाबऽ काल। पेशा से पेंटिंग के काज करैत बाजय मे फंचाड़ि। बकर बकर फाल-डींग हाँकैत। एकबेर विजय के अपन किराया बला मकान के रंग-ढ़ोर आ मेंटेनेंस के काज करेबाक छल। पप्पू से पहचान छल त ओकरे काज देने छलखिन। जा धरि काज भेल छल, विजय के ओकर बकर-बकर झेलऽ पड़ल छल। मुदा काज ओ बड्ड चिक्कन केने छल।
विजय चाहक सिप लैत कनि काल लेल अतीत मे चलि गेल छलाह। पप्पू काज करय के बीच मे सदिखन खुचुर खुचुर पाई मांगय। आई ई लेल त काइल्ह ओ लेल। किछ ने किछ धू लागले रहय। विजय ओकरा बूझबैत रहइथ मनी मेनेजमेंट के विषय मे – “देखहक तों एत्तेक टाका के रोज कमाय छह। महिना मे 22 दिन काज भेटलऽ त महिना के बुझहक जे एत्तेक टाका होय छैक। जे दिहाड़ी कमाई छहक से ओहि दिन नै उड़ा दी।
ओ गप्प दियइ जे “एह! हम त पाई के पाई नै बुझय छी एना उड़बय छी त ओना उड़बय छी। बेटा के बड्डे मे उधार ल के एत्तेक भोज भात केने रही… धिया-पूता के नितदिन के एत्तेक टाका कुड़कुड़े नमकीन मे खर्च क दय छी..... इत्यादि इत्यादि।“
विजय कहथिन जे धिया पूता के किताब कॉपी इसकुल बस्ता सभ मे कतेक खर्च करय छहक। त ओ मटियाबय जे जरूरत पर साल मे एकबेर कीनिए दैत छी।
विजय कहथिन जे देखह तोरे लाभ लेल कहि रहल छी। हम सब छी महीनबारी दरमाहा बला लोक महिना के अंत मे टाका भेंटय अछि आ जतेक आमदनी अछि ओहि हिसाबे खर्चा के बजट बनाबय छी। जतबे कमाई अछि ओहि मे आपत्ति-विपत्ति आ पईघ काज लेल किछ पाई के प्रोविज़न क के चलय छी। तोरो कमाई बेजा नै छह। महिना मे यदि 20-25 दिन काज भेंटय हेतऽ त 15-20 हजार कमाई भए जायत हेतौक। जौं अपन कमाई आ खर्चा के सही से व्यवस्था राखबहक त उधार-पैंच से बचबह। आ आपत्ति-विपत्ति मे सेहो हौसला बनल रहतौक... आदि आदि। मुदा विजय के बात ओकरा लेल धन सन।
ओ काज केलक आ गेल। कहियो काल एहिना विजय से रस्ता बिरस्ता भेंट भऽ जाय। बरष दू बरष बाद दुनियाँ मे कोरोना नामक महामारी पसरि गेल छल जे पूरा मानव जाति मे त्राहि-त्राहि मचा देने छल। अपन देश सेहो एकर चपेट मे आयल। तै पर से सरकार के गलत तरीका से एकरा हेंडल करब...ऐ के बहुत दुखद प्रभाव देश भरि के अलग अलग शहर मे काज करय बला प्रवासी मजदूर सभ पर पड़ल छल। एक बैगे राता राती लॉक डाउन लगा देल गेल छल। काज-धंधा, रेल-बस घोडा-गाड़ी सब बंद। दिहाड़ी मजदूर सभ पर ई फरमान आफैत बनि के खसल छल। दिहाड़ी पर परिवार पोसय बला सभ के किछुए दिन मे खेनाय पर आफैत होय लागल। पप्पू पेंटर के परिवार सेहो ऐ से अछूत नै रहल छल। भुखल पियासल काज से च्युत मज़दूरक हांजक हांज टोली सभ परिवहन के अभाव मे जहिना तहिना ट्रक-टेमपु-ठेला सायकल पैरे जेकरा जेना सूझल बिदा होबय लागल गामक दिस, जे जीब त कोदोहो खा के गाम मे रहि लेब। एहि बीच एहन भयानक रिवर्स पलायन देख किछ राज्य सरकार आ स्वयंसेवी संस्था सब सेहो किछ परिवहन के व्यवस्था चालू केलक, जत्त भयानक मारा-मारी के दृश्य। पप्पू पेंटर सेहो गाम भागि जेबाक भाँज लगबऽ लागल। मुदा जेबी मे एकटा टाका नै। तखन ओ विजय बाबू लग सहायता लेल पहुंचल छल। ओ अपन दयनिय स्थिति बतेने छल आ किछ आर्थिक मदद के गोहार लगेलक विजय लग।
विजय त पहिने ओकरा लग निक-बेजाय के लेक्चर झारला। फेर अपनो कोविड के भयानक स्थिति से भविष्य के लऽ कऽ आशंकित छलाह। तथापि हजार टाका पप्पू के दऽ देलखिन। ओ विजय के पप्पू से अंतिम भेंट छल।
6-7 बरष के बाद आई पप्पू पेंटर से भेंट भऽ रहल छल। मुदा ओ पप्पू आ आजूक पप्पू के हुलिया मे बहुत परिवर्तन छल। कत्त ओ गुटका चिबाबइत सनटिटही सन गाल चुटकल बेतरतीब गंदा मे सानल कपड़ा पहिरने पप्पू पेंटर आ कत्त ई चिकनायल चेहरा, मुह मे पान दबौने, तिलक केने, स्त्री कैल अंगा-पेंट पहिरने पप्पू। स्वाइत विजय ओकरा नै चिन्ह पेने छलाह।
ओ विस्मयित होइत बाजलाह “पप्पू हौ! अरे बाह! गाम आबि के त बड्ड निक प्रगति केलाह अछि। तोरा से कोरोना मे लास्ट भेंट भेल छल तकरा बाद हमरा कोनो जानकारी नै छल।“
पप्पू बाजल - कोरोना लॉकडाउन के समय हमरा घर वापस अएबा लेल मजबूर होएब पड़ल। खाय पर आफैत छल। ओ दिन हमरा लेल बड्ड भयावह छल। किछ सहायता अहूँ सऽ भेंटल आर कत्तौ कत्तौ से सहयोग मांगि हम आन आन मज़दूरक संगे गामक लेल बिदा भेल छलहु। दिल्लीक सड़क पर अनगिनत लोक अपन अपन घर पहुँचऽ लेल संघर्ष करैत छल। हमहु ओहि यात्री समूह में शामिल भऽ गेल रही। ओ यात्रा बहुत दर्दनाक छल। लोक लोक के संग ठाढ़ होइत, धक्का-मुक्की करैत, पियासल आ भूखल रहि, हम अपन गाम के लगिच पहुंचल रही। मुदा, सीमा पर हमरा सभकेँ रोकि लेल गेल। सरकारक आदेश छल जे सब मजदूरकेँ क्वारंटाइन में राखल जाए। क्वारंटाइन सेंटर में व्यवस्था बड्ड निक नै छल। हमरा सभकेँ एकटा छोट-छोट कोठरी में राखल गेल। खाना-पीना कहुना कऽ भेंटय छल। तखन बस समय पुरबाक इंतजार करैत छलहुँ। मन में एकटा डर सेहो लागल छल जे कहीं हमरो कोरोना नहि भऽ गेल होए। ओ दिन दहशत आ मजबूरी से भरल दिन छल – पप्पू के स्वर मर्माहत छल।
अंततः क्वारंटाइनक अवधि खत्म भेल। हमरा घर जाए देल गेल। हमार हृदय में खुशी छल। मुदा, शरीर थाकल आ कमजोर छल। ई समय हमरा सबकेँ देह तोड़ि देलक मुदा मोन के मजबूत बनौलक। हम भविष्य में फेर सँ अपन पैर पर ठाढ़ होएब से आस बचल छल। ई यात्रा हमरा जिनगी भरि लेल याद रहत।
पप्पू आगाँ बाजलाह - घर पहुँचला पर हमर स्थिति बहुत खराब छल। मुदा धीरे-धीरे हम गाम में अपन काज शुरू केलहुँ। शुरू में हम रंगाई-पुताई के काज करैत रही। मेहनत आ इमानदारी सँ काज क ऽ रहल छलहुँ। धीरे-धीरे लोक हमर काज के सराहना करऽ लगल। हमर काज के हुनर त अहाँ दिल्ली मे देखनेहे छलियई। मुदा समय आ पाई के हम निक से भैलू आ उपयोग नै बुझय छलियई। कोरोना के ई यात्रा हमरा समय आ पाई के भेलू बुझय लेल खूब समय देलक। क्वारंटाइनक अवधि मे ई सब विचार मोन मे खूब चलल। हम अहाँ सँ पैसाक आ समय के प्रबंधन के बहुत महत्वपूर्ण पाठ सिखलहुँ। हम अहाँक बात के मन में राखि कऽ धीरे-धीरे पैसा बचाबऽ लगलहुँ। हमर मोन मे विचार छल जे हम अपन एकटा स्थायी दुकान खोलि क काज करी। शुरू मे कनि दिक्कत त छल मुदा दिल्ली घूरि के जेबाक कहियो दोबारा मोन मे नै आयल। बाबा बिस्कर्मा के कृपा से धीरे धीरे काज बढ़े लगल। हमरा लग जे लड़का सभ छल, ओकरा सब के काज सिखाबऽ लगलहुँ। धीरे-धीरे हमर एकटा टीम बनि गेल, जकरा संग हमर काज आरो बढ़य लागल।
पप्पू के चेहरा पर गर्वक भाव छल, जखन ओ अपन टीम आ काजक व्याख्या कऽ रहल छल।
पप्पूजी आगाँ कहय लागल – ठीके कहय छलियई अहाँ विजय बाबू! जे मेहनत, लगन आ कर्मठता से कर्म करय छय, एकदिन भगवान ओकरा अवश्ये ताकय छथीन। भगवान हमरो एकटा एहने सन स्वर्णिम अवसर देलाह। हीरा बाबू, जे आर बी कॉलेजक प्रोफेसर छलाह, ओ रिटायर भेलाह आ अपन सेवाक पैसासँ एकटा सुंदर घर बनाबऽ चाहैत छलाह। ओ हमर काज देखलाह आ हमरा पर भरोसा करैत अपन घरक पूरा इंटीरियर के कांट्रैक्ट देलाह। हम सभ मिलि कऽ हुनकर घर के एना सजेलहुँ जे ओ हमरा सँ बहुत प्रभावित भेलाह। हुनक मोन मोताबिक आधुनिक साज सज्जा बला घर बनल जे हुनक गाम भरि आ आबईत जाइत पथिक सबहक प्रशंसा पाबय लागल। हीरा बाबू हमरा से बड्ड प्रसन्न भेलाह।
विजय के पप्पूक आँखि में मेहनत आ लगनक फल पाबय के प्रसन्नता आ उत्साहक झलक साफ देखा रहल छल।
पप्पू आगाँ बाजल – हीरा बाबू बड़ा ज्ञानी आ अनुभवी लोक छईथ आ तहिना आधुनिक सोच राखय छथि। लंबा सेवा के बाद रिटायर भेल छलाह। खूब निक पाई भेंटल छल रिटायरमेंट पर। घर बनाइये लेलाह। हुनक सोच छल जे धिया-पूता मे पाई बांटब त तीरी-मिरी क देत। ताही दुआरे ओ शेष पाई के कोनो बीजनेश मे इन्वेस्ट करय चाहय छलाह, जै से एकटा बीजनेश सेहो ठाढ़ होय का किछ लोक के रोजगारो भेंटे। स्वाइत हीरा बाबू हमरा एकटा प्रस्ताव देलथिन। ओ हमरा दुकान के विस्तार करय लेल निवेश करबाक प्रस्ताव देलथिन। हमरा लेल ई प्रस्ताव स्वीकार करब एकटा नीक अवसर छल।
ई साझेदारीक फलस्वरूप, ‘पप्पू हीरा इंटीरियर आ सैनिटरी’ दोकानक स्थापना भेल- पप्पू गर्व सँ कहलाह। हमर दोकान आब दलसिंह सराय के श्रेष्ठ इंटीरियर आ सैनिटरी सेवाक लेल प्रसिद्ध अछि। आधुनिक डिजाइने सँ सजाओल घरक निर्माण में हमर टीम आ दुकानक नाम अग्रणी अछि। से त अपने पता लगेनहे हेबैक।
हमर सफलता के सफर के नीव जै विचार से पड़ल तकर सूत्रधार हम अहिंक मानय छी, आ हीरा बाबू ओय नीव पर एकटा सुंदर भवन के विस्तार देलाह। हम विपत्ति के समय अहाँ द्वारा कैल गेल आर्थिक मदद के सेहो कोना क बिसरब ताही दुआरे अहाँ के सेवा मे 50% के छूट के प्रस्ताव देलहु अछि।
विजय पप्पू के सफलता के प्रेरक कथा सुनि बहुत प्रभावित भेलाह, संगहि आई हुनका अपना पर सेहो गर्व भऽ रहल छल जे ऐ सक्सेस स्टोरी मे ओहो एकटा प्रभावी पात्र छईथ। मोने मोन अपना के शाबासी देबय लगलाह। संगहि इहो सोचय लगलाह जे करल धरल कहियो ने कहियो फलीभूत होइत छैक। तखन ने हमरा आई घरक इंटीरियर लेल एतेक सस्ता सौदा के प्रस्ताव भेंटल अछि।
अस्तु। तकरा बाद विजय दोकानदार संगे समान आ सेवा सबहक लिस्ट फाइलन करय लागलाल। इति।
- [प्रणव कुमार झा, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड नई दिल्ली, दुर्गापूजा 2024]
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