राज किशोर मिश्र
ऑनलाइन सेवा कम्पनीक सेवक
का न सँ सटल मो बा इल ओकर,
मो टरसा इकि ल-पैडल पर टा ङ,
मो न मे लक्ष्यक ठाँ कतेको ,
समा न बँटैत अछि बनि समा ङ।
महा नगरक पूब मे कखनो ,
कखनो बस्ती को नो धता ल,
खेलि रहल ओ झि झि र को ना ,
का जक पा छाँ बनल बेता ल।
स्नो -पा उडरक मो टरी को नो ,
को नो पैक कएल ,जओ-आटा ,
टूथ-पेस्ट, मसल्ला , केकक डि ब्बा ,
अगरबत्ती , पा दुका -बा टा ।
नो न -हरदि सँ एना -ककबा ,
दबा इ, जकरा धेने छै लकबा ।
नेना -भुटका लेल आइसक्री म,
को नो गृहि णी क ऑर्डर हरि अर सी म।
अत्रि क आश्रम दि स शि ष्य को नो ,
कमण्डल मे भरने गंगो दक,
कम्पनी कर्मचा री ,चा नन ,गङ्गौ ट,
आ' पहुँचा रहल अछि मो दक।
मो न ओकर छै अपसि आँत,
आबि ने जा इ सेवा -आदेश,
मो हल्ला , सेक्टर, काॅ लो नी ,
रौ द किं वा ला गल कुहेस।
मो टरसा इकि लक पा छाँ मे,
मे
ष्टएण्ड पर रा खल बड़का मो टा ,
झाँ उ -झाँ उ कऽ कुकूर उठलै ,
बढ़ल गली मे पो छि कऽ पो टा ।
जे आदेश हो इ कम्पनी के,
परफ्यूम सँ लऽ कऽ रङ-रा ग,
ही टर, टो स्टर, एअर- प्यूरी फा यर,
पा रि जा त सँ लऽ कऽ पा ग।
अर्थ-तंत्रक कर्मयो गी ,
ती तल अछि ओ घा म सँ,
समा न देलक, आब टा का चा ही ,
कम्पनी क नि र्दि ष्ट दा म सँ।
महा नगरक कंक्री ट-जंगल,
दो गे -दो गे, प्रधा न बा ट,
ओकर झो रा मे समा न देखि क',
ला गत माॅ ल ,गा मक हा ट।
भो रे सँ ,जखन कौ आ डकल,
आ' से आधा रा ति ,
बहि ते रहैत अछि का र्यकर्ता ,
कटि ते कर्म-जजा ति ।
बजा रक नूतन परम्परा सभ,
उपभो क्ता सबहक खगता अनंत,
टा का क बेओँत,खर्चक बेओँत,
जि नगी छै महा नगरक जी वंत।
ककरो ची जक छैक बेगरता ,
ककरो भेटि गेल छै रो जगा र,
जी वन-शैली बदलि रहल छै,
पसरि रहल छै खूब बजा र।
ओकर घा म मे नव चा णक्यक,
लि खल गेल अछि अर्थ-नी ति ,
नव प्रो डक्ट लेल लो कक तृष्णा ,
खूब बढ़ल अछि ओहि सँ प्री ति ।
खूब अरजू,जूखूब खरचू,
इएह अछि नव्य उपभो क्ता वा द,
पूर्वक संग्रह-मनो वृत्ति ,
अछि भेल जा रहल ओ अपवा द।
अपन मंतव्य editorial.staff.videha@gmail.com पर पठाउ।