प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिका

विदेह नूतन अंक
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अंक ४१२ पर टिप्पणी

आशीष अनचिन्हार

कल्पना झा जी द्वारा लिखल जा रहल "मैथिली साहित्यमे उपेन्द्र नाथ झा 'व्यास' एवं हुनक परिवारक योगदान"क भाग सभ पढ़ि रहल छी। एहि आलेखक तेसर भाग (1 फरवरी 2025) मे कल्पनाजी लिखैत छथि जे व्यासजीक पहिल रचनाक प्रेरणा स्रोत ओहि समयक एकटा तर्ज "मसीहा बनके बीमारों को किस पर छोड़ जाते हो" अछि।

ई हमरा जनैत नात छै। एहि नात केर मात्रा क्रम छै 1222-1222-1222-1222 एहि मात्राक्रम केर नाम छै 'बहरे हजज मोसम्मन सालिम'। एहि बहरमे बहुत रास गजल, नात, सलाम, दुआ, फिल्मी गीत आदि लिखल गेल छै। फिल्मी गीतक चर्च करी तऽ

1- बदल जाये अगर माली चमन होता नही खाली
2- खिलौना जानकर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो

एकर साफ मतलब भेल जे व्यासजीक लेखन केर मूल प्रेरणास्रोत उर्दू शाइरी अछि आ तँइ एकर रूप एहनो आएल जे व्यासजी उमर खैय्यामक रुबाइ सभहक अनुवाद केलथि। ई अनुवाद विदेह पोथीपर सेहो राखल गेल छै।

नोट- मैथिली गजलमे सेहो एहि बहरपर नीक-नीक गजल लिखल गेल छै जकरा पाठक पढ़ि सकै छथि।




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