अंक ४०४ पर टिप्पणी
प्रणव कुमार झा
ट्रांसजेंडर वा हिजड़ा वा
किन्नर के विषय मे हमहू अक्सर सोचय छी, जखन रेड लाइट पर आ कि ट्रेन आदि मे
मांगईत देखय छी । एकाध बेर किछ लिखबाक इच्छा भेल। मुदा नै लिखल। साइत अहि
दुआरे जे हमरा अपनो ऐ समुदाय से सामंजस्य आ संवाद नै रहय अछि। मुदा मोन मे
रहय अछि जे विभिन्न पेशा आ रोजगार द्वारा ऐ समुदाय के लोक के सेहो समाज के
मुख्य धारा मे जोड़ल। जाय। सुप्रीम कोर्ट के 2014 के निर्णय एहि के बाट मे
एकटा प्रयास छल हेतय। मुन्ना जी ऐ विषय पर लिखबाक प्रयास केला तै लेल बधाई।
हुनक लेख से इहो सूचना पर प्रकाश पड़ल जे अंग्रेजक जमाना मे ऐ समुदाय के
चोर-उचक्का के श्रेणी मे राखल गेल छल। आ इहो जे ट्रांसजेंडर समुदाय के लोक
सभ के भोटर लिस्ट मे जोड़बाक काज सेहो यसस्वी मुख्य चुनाव आयुक्त टी एन शेषन
के छैन।
सादर
-प्रणव कुमार झा, अनुभाग अधिकारी, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड, नई दिल्ली,
दूरभाष (कार्यालय): 011-45493034
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